मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Pakistan admits LeT, Jaish are based on its soil
Written By
Last Updated :इस्लामाबाद , गुरुवार, 7 सितम्बर 2017 (08:31 IST)

आतंकवाद पर पहली बार पाकिस्तान ने मानी गलती, कहा...

आतंकवाद पर पहली बार पाकिस्तान ने मानी गलती, कहा... - Pakistan admits LeT, Jaish are based on its soil
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आगाह किया है कि अगर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश शर्मिंदगी का सामना करता रहेगा। आसिफ ने कहा कि हमें अपने अतीत से छुटकारा पाना होगा।
 
मीडिया की खबरों के अनुसार, आसिफ ने यह भी कहा कि दुनिया को यह विश्वास दिलाने की जरूरत है कि पाकिस्तान का आतंकवाद से कुछ लेना-देना नहीं है।
 
आसिफ का बयान चीन समेत ब्रिक्स द्वारा पहली बार पाकिस्तान से संचालित हो रहे लश्कर—ए—तैयबा और जैश—ए—मोहम्मद जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित संगठनों का नाम लिये जाने के दो दिन बाद आया है।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूहों के लिये ‘सुरक्षित पनाह’ होने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी।
 
आसिफ ने पाकिस्तान से संचालित लश्कर—ए—तैयबा और जेईएम समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित आतंकवा​दी संगठनों के अस्तित्व को स्वीकार किया।
 
आसिफ ने कहा, 'हमें अपने मित्रों से कहने की आवश्यकता है कि हमने अपना घर सुधार लिया है। हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करने से बचने के लिये अपने यहां चीजों में सुधार करने की जरूरत है।'
 
आसिफ का बयान चीनी नेतृत्व से मिलने के लिए अपनी बीजिंग यात्रा से कुछ दिन पहले आया है। वह द्विपक्षीय संबंधों की समाक्षा और अपने देश के लिए समर्थन जुटाने की खातिर शुक्रवार को चीन रवाना होंगे। आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
 
विदेश मंत्री के अनुसार, ब्रिक्स घोषणापत्र को चीन का आधिकारिक रुख नहीं समझा जाना चाहिये क्योंकि रूस, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी समूह का हिस्सा हैं।
 
श्यामन में ब्रिक्स घोषणा पत्र में लश्कर—ए—तैयबा और जेईएम को शामिल किया जाना पाकिस्तान के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि चीन ने पिछले साल गोवा में ब्रिक्स की बैठक में परिणामी दस्तावेज में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों का नाम लिये जाने के प्रयासों को अवरुद्ध किया था।
 
हालांकि आसिफ ने कहा, 'मित्रों की हमेशा परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए, खासतौर पर बदले हुए परिदृश्य में। इसकी बजाय हमें लश्कर और जैश जैसे तत्वों की गतिविधियों पर कुछ पाबंदी लगानी चाहिए ताकि हम विश्व समुदाय को दिखा सकें कि हमने अपनी व्यवस्था में सुधार किया है।' उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान को अपनी चीजें ठीक करनी चाहिए क्योंकि पूरी दुनिया हमारी तरफ ऊंगली उठा रही है।
 
आसिफ ने कहा कि हमें अपने अतीत से छुटकारा पाना होगा। साल 1979 में हमने एक गलत निर्णय लिया और अगले पूरे एक दशक तक छद्म (प्रोक्सी) की तरह काम किया। वहीं फिर 9/11 के बाद एक फिर गलत निर्णय लेकर हम उस युद्ध में शामिल हो गए जो हमारा कभी था ही नहीं। हमें इस युद्ध के कारण अनगिनत लोगों और संपत्तियों का नुकसान हुआ।
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने अपने हिस्से का काम किया लेकिन क्या हमने अपने हिस्से का काम किया? आसिफ ने कहा कि दुनिया को इस बात पर विश्वास दिलाने की जरूरत है कि पाकिस्तान का आतंकवाद से कुछ लेना-देना नहीं है। (भाषा)