इस्लामाबाद/नई दिल्ली। पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का गुरुवार को एक और वीडियो जारी किया। इसमें जाधव कथित तौर पर यह कहते नजर आ रहे हैं कि हिरासत में उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। इस पर, भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान का 'दुष्प्रचार वाला कृत्य' है, जिसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जाधव के इकबालिया बयान वाला एक वीडियो जारी करने के बाद भारत ने जोरदार पलटवार किया है। दरअसल, वीडियो में जाधव ने कथित तौर पर यह दावा किया है कि वह भारतीय नौसेना के एक अधिकारी हैं और उन्होंने यह भी पूछा कि भारत यह झूठ क्यों बोल रहा है कि वह एक गुप्तचर एजेंसी के लिए काम नहीं कर रहे थे। इस वीडियो को जाधव का इकबालिया बयान बताया जा रहा है।
जाधव ने कहा, मुझे भारत के लोगों, भारत सरकार और भारतीय नौसेना के लिए यहां एक बहुत महत्वपूर्ण बात कहनी है कि मेरी सेवा अवधि समाप्त नहीं हुई है। मैं भारतीय नौसेना में एक कमीशन प्राप्त अधिकारी हूं। एक गुप्तचर एजेंसी के लिए मेरे कामकाज के बारे में आप झूठ क्यों बोल रहे हैं। वहीं, एक सख्त जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने नई दिल्ली में कहा, यह आश्चर्यजनक नहीं है।
पाकिस्तान जबरन बयान वाले वीडियो जारी करता है। उसे यह महसूस करने का वक्त आ गया है कि इस तरह के दुष्प्रचार वाले कृत्य की कोई विश्वसनीयता नहीं है। कथित वीडियो में जाधव ने कहा, मैंने अपनी मां की आंखों में डर देखा, जब मेरी मां बाहर जा रही थी तब भारतीय राजनयिक उन पर चिल्ला रहे थे। मैंने उनका चिल्लाना देखा, उन पर चिल्ला रहे थे। यह (मुलाकात) एक सकारात्मक चीज थी इसलिए वह (मेरी मां) खुश होंगी और मैं भी खुश रहा होऊंगा।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि जाधव ने अपनी मां के बाहर जाने पर उन पर राजनयिक को चिल्लाते कैसे देख लिया। जाधव के परिवार के साथ मौजूद राजनयिक इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त हैं। जाधव ने वीडियो में यह भी दावा किया है कि पाकिस्तान सरकार उनका ध्यान रख रही है और उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया है। उन्होंने कहा, मैंने कहा कि चिंता ना करो मां। वे (पाकिस्तान) मेरी देखभाल कर रहे हैं, उन्होंने मुझे छुआ तक नहीं है....। वहीं, कुमार ने कहा, किसी को कब्जे में रखकर उससे अपने ख्याल रखने की बात कहलाना और बंधक बनाने वालों के आरोपों को उससे कहलवाने में कोई विश्वसनीयता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को सलाह है कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करे, चाहे यह राजनयिक संबंधों का हो, या फिर आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों का। साथ ही उसे एक भारतीय नागरिक का मानवाधिकार हनन जारी रखने से बचना चाहिए। गौरतलब है कि भारत ने जाधव-उनके परिवार के बीच मुलाकात के तौर-तरीकों को लेकर बनी सहमति का उल्लंघन किए जाने को लेकर कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान की तीखी आलोचना की थी और 47 वर्षीय भारतीय नागरिक की हालत के बारे में सवाल किए थे। भारत ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान विदेश कार्यालय में 25 दिसंबर को सख्त नियंत्रण वाली मुलाकात के दौरान जाधव मजबूर और तनाव में नजर आए।
मुलाकात की तस्वीरें पाकिस्तान ने जारी की थीं। तस्वीरों में जाधव को कांच की एक स्क्रीन के पीछे बैठा दिखाया गया है, जबकि उनकी मां और पत्नी दूसरी ओर बैठी थीं। वे इंटरकॉम से बात कर रहे थे और ऐसा प्रतीत होता है कि 40 मिनट चली मुलाकात का वीडियो बनाया गया। पाकिस्तान ने 25 दिसंबर को जाधव का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें वह अपनी पत्नी और मां से मुलाकात की व्यवस्था करने को लेकर कथित तौर पर पाकिस्तान सरकार का शुक्रिया अदा करते नजर आ रहे थे।
जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। हालांकि भारत ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का भी रुख किया था। आईसीजे ने पिछले साल 18 मई को पाकिस्तान को जाधव की सजा पर अमल करने से रोक दिया था। मार्च या अप्रैल में एक और सुनवाई होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान का दावा है कि जाधव भारतीय नौसेना में कमांडर रैंक के अधिकारी हैं, लेकिन भारत का कहना है कि वे नौसेना के एक पूर्व अधिकारी हैं। वहीं नई दिल्ली का यह भी कहना है कि जाधव को ईरान में अगवा किया गया, जहां वे कारोबारी उद्देश्यों को लेकर थे। वहां से उन्हें पाकिस्तान ले जाया गया। (भाषा)