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Last Modified: पेरिस , सोमवार, 30 नवंबर 2015 (12:33 IST)

भारत और 19 अन्य देश लेंगे स्वच्छ तकनीकों के बढ़ावे का संकल्प

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पेरिस। भारत, अमेरिका और चीन समेत कुल 20 देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों के तहत अगले 5 साल में स्वच्छ ऊर्जा शोध एवं विकास के बजट को दोगुना करने की एक पहल की सोमवार को शुरुआत करेंगे।

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि ‘मिशन इनोवेशन’ के तहत इन 20 देशों द्वारा कुल 20 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई गई है। इसमें से आधी राशि अमेरिका की ओर से आएगी।

महत्वपूर्ण जलवायु सम्मेलन में भाग लेने के लिए ओबामा के पेरिस रवाना होने से पहले व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि इस पहल की औपचारिक घोषणा दिन में बाद के समय होने वाली बैठक में की जा सकती है।

इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य नेताओं के साथ शिरकत करेंगे।

व्हाइट हाउस ने कहा कि ये अतिरिक्त संसाधन नई तकनीकों में व्यापक विस्तार लाएंगे जिससे कि भविष्य का वैश्विक विद्युत मिश्रण तय होगा, जो कि स्वच्छ, संवहनीय और विश्वसनीय होगा।

ओबामा के शीर्ष सलाहाकार ब्रायन डीज ने बताया कि यह प्रयास स्वच्छ ऊर्जा नवोन्मेष को गति देने के लिए और वैश्विक जलवायु परिवर्तन पर गौर करने के लिए, उपभोक्ताओं को संवहनीय स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में है जिसके तहत विकासशील देशों में स्वच्छ ऊर्जा बनाने के व्यावसायिक अवसर पैदा करने पर विशेष ध्यान होगा।

इसमें शामिल अन्य देशों में फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, डेनमार्क, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिणी कोरिया, मेक्सिको, नॉर्वे, सऊदी अरब, स्वीडन, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन हैं। वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा, अनुसंधान एवं विकास के लिए 80 प्रतिशत योगदान इन्हीं 20 देशों की ओर से आता है।

डीज ने कहा कि एक बात हम स्पष्ट रूप से जानते हैं कि स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों में मौलिक अनुसंधान में निवेश को निजी पूंजी से जोड़ा जाना चाहिए, जो कि इनमें से सबसे ज्यादा अच्छी तकनीकों के प्रसार और इन्हें एक मापदंड तक लेकर आने में मदद करने के लिए तैयार है।

भविष्य में विभिन्न देशों द्वारा अपनी जरूरतों के मुताबिक स्वच्छ ऊर्जा प्रयासों (जैसे ऊर्जा दक्षता बढ़ाने या हाइड्रोफ्लोरोकार्बन कम करने) पर ध्यान केंद्रित करने की बात कहते हुए अमेरिकी ऊर्जा मंत्री अर्नेस्ट मोनिज ने कहा कि कोष में अमेरिका की ओर से दिए जाने वाले योगदान में लगभग 15 प्रतिशत का इजाफा कांग्रेस पर निर्भर करेगा। इसकी शुरुआत वर्ष 2017 में होनी है।

उन्होंने कहा कि नवोन्मेष के लिए भारी समर्थन है। ‘मिशन इनोवेशन’ के साथ-साथ एक अन्य ‘ब्रेकथ्रू एनर्जी कोएलिशन’ शुरू किया जाएगा।

बिल गेट्स के नेतृत्व वाला यह समूह निजी निवेशकों का वैश्विक समूह है, जो मिशन इनोवेशन के देशों के शोध कार्यक्रमों की प्रयोगशालाओं से निकलकर बाजार में आने वाली शुरुआती स्तर की ऊर्जा कंपनियों की मदद के लिए जोखिम उठाएगा

माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने एक बयान में कहा कि हमारे पास सोमवार को पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा जैसी जो नवीकरणीय तकनीकें हैं, उन्होंने बहुत सी प्रगति की हैं और कार्बनमुक्त ऊर्जा के भविष्य की दिशा में यह एक मार्ग हो सकता है।

गेट्स ने कहा कि लेकिन यदि चुनौती का स्तर देखा जाए तो हमें विभिन्न रास्ते तलाशने की जरूरत है और इसका यह अर्थ है कि हमें नए तरीके भी खोजने की जरूरत है। निजी कंपनियां इन ऊर्जा खोजों को विकसित करेंगी लेकिन उनका काम ऐसे मौलिक अनुसंधान पर आधारित होगा जिसके लिए वित्तीय मदद सिर्फ सरकारें ही दे सकती हैं। दोनों को ही अपनी-अपनी भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने कहा कि विश्व में ऊर्जा की बढ़ती मांग भी एक बड़ी समस्या है, क्योंकि अधिकतर ऊर्जा हाइड्रोकार्बनों से आती है जिनसे ग्रीन हाउस गैसें उत्सर्जित होती हैं और जलवायु परिवर्तन होता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए हमें ऊर्जा के ऐसे स्रोतों की ओर जाना होगा, जो संवहनीय और विश्वसनीय हैं और कोई कार्बन पैदा नहीं करते। (भाषा)