एक हिंदू भी बन सकता है अमेरिकी राष्ट्रपति
अपनी आखिरी प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका सबको समान अवसर प्रदान करता है। इसमें सिर्फ एक महिला ही राष्ट्रपति नहीं बनेगी बल्कि भविष्य में लैटिन, यहूदी या कोई हिंदू भी अमेरिका का राष्ट्रपति बन सकता है।
इसके अलावा ओबामा ने भारत एवं अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत बनाने वाली साझेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके उन्हें धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत के एक ब्यौरे के अनुसार, ओबामा ने ‘उनकी साझीदारी’ के लिए शुक्रिया अदा करने और रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा एवं लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने समेत सहयोग के साझे प्रयासों की समीक्षा के मकसद से मंगलवार को मोदी से फोन पर बात की। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘ओबामा ने वर्ष 2015 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने की याद ताजा की और प्रधानमंत्री को भारत के आगामी गणतंत्र दिवस की 68वीं वर्षगांठ से पहले बधाई दी।’
मीडिया के साथ अपनी फेयरवेल स्पीच में ओबामा ने कहा, हम जल्द ही सभी धर्म, जाति, समुदाय के लोगों को उभरता हुआ देखेंगे, क्योंकि यही अमेरिका की ताकत है। अगर हम सभी लोगों को समान अवसर प्रदान करते रहे तो हां, अमेरिका में एक महिला भी राष्ट्रपति हो सकती है। लैटिन, यहूदी या हिंदू समुदाय का शख्स भी राष्ट्रपति बन सकता है।
थोड़ा मजाकिया अंदाज में ओबामा ने कहा, मुझे शक है कि एक समय पर हमारे पास मिश्रित राष्ट्रपतियों का पूरा गुच्छा होगा और किसी को नहीं पता होगा कि उन्हें कहें क्या, लेकिन कोई बात नहीं। ओबामा का यह बयान उस सवाल के बाद आया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति होने नाते क्या वह दोबारा एेसा होता देखना चाहेंगे। इसके अलावा ओबामा ने एक दिन पहले यानी मंगलवार को चेल्सिया मैनिंग की सजा लगभग तीन दशक घटाने के फैसला का मजबूती से बचाव किया। उन्होंने कहा कि विकिलीक्स को संवेदशनशील गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने वाली चेल्सिया मैनिंग कड़ी सजा भोग चुकी हैं। मंगलवार को ओबामा ने चेल्सिया की 35 साल की सजा को घटाकर सात साल कर दिया था। मई में सात साल की यह अवधि पूरी हो जाएगी।