बीजिंग। चीन में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस से गुरुवार को और 73 लोगों की मौत के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 722 पर पहुंच गई। साथ ही कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों की संख्या 31,000 के पार पहुंच गई। इस बीच चीन में उस चिकित्सक की मौत का शोक मनाया जा रहा है जिसने सबसे पहले कोरोना वायरस के बारे में जानकारी दी थी।
लोगों में गुस्सा है क्योंकि सरकार ने व्हिसलब्लोअर चिकित्सक की आवाज दबाने का प्रयास किया। इस बीच बीजिंग ने इस महामारी के खिलाफ जनयुद्ध भी छेड़ दिया है।
चीन की भ्रष्टाचार विरोधी प्रहरी संस्था ने कोरोना वायरस की सबसे पहले जानकारी देने वाले व्हिसलब्लोअर डॉक्टर की मौत के बाद शुक्रवार को इस बारे में जांच के आदेश दिए। डॉक्टर की मौत के बाद कोरोना वायरस आपदा से निपटने के सरकार के तरीके को लेकर लोगों में आक्रोश है।
चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में चेतावनी देने वाले आठ व्हिसलब्लोअर में एक चीनी डॉक्टर 34 वर्षीय ली वेनलियांग की गुरुवार को इस महामारी में मौत हो गई थी।
अनुशासन निरीक्षण आयोग ने एक बयान में कहा कि जांच टीम वायरस प्रभावित वुहान शहर जाएगी, जहां वेनलियांग की मौत हुई। यह टीम कि डॉ ली वेनलियांग की मौत के अलावा अन्य मुद्दों की समग्र जांच करेगी।
वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में वुहान में कोरोना वायरस के सामने आने की जानकारी दी थी।
वेनलियांग ने अपने चिकित्सा महाविद्यालय के साथियों को चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर बताया था कि स्थानीय सी फूड बाजार से आए सात मरीजों का सार्स जैसे संक्रमण का इलाज किया जा रहा है और उन्हें अस्पताल के पृथक वार्ड में रखा गया है।
वेनलियांग ने अपने दोस्तों से कहा था कि वे अपने परिजनों को निजी तौर पर इससे सतर्क रहने को कहें। हालांकि, यह संदेश कुछ घंटों में ही वायरल हो गया और पुलिस ने उन्हें अफवाह फैलाने वाला करार देकर प्रताड़ित किया था।
डॉक्टर ली की चेतावनी पर ध्यान दिया गया होता तो संभवत: 50 लाख से अधिक लोगों को चीनी नववर्ष पर वुहान से चीन में अन्य स्थानों पर और विदेशों में यात्रा करने से रोका जा सकता था।
चीन के अलावा भारत समेत 27 से अधिक देशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। विदेशों में 220 मामले सामने आए हैं, 3 मामले केरल से हैं। वुहान से बचाकर लाए गए 647 लोगों को मानेसर में पृथक रखा गया है।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार को 73 लोगों की मौत हो गई जबकि 3,143 लोगों के संक्रमण की चपेट में आने के नए मामले दर्ज किए गए। कोरोना वायरस की चपेट में आए मामलों की कुल संख्या 31,161 पर पहुंच गई है।
कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत और उसकी प्रांतीय राजधानी वुहान में गुरुवार को 69 लोगों की मौत हो गई जबकि जिलिन, हेनन, ग्वांगडोंग और हैनान प्रांतों में एक-एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। वहीं वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को कहा कि चीन में घातक कोरोना वायरस फैलने के लिए पैंगोलिन जिम्मेदार हो सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि संक्रमित व्यक्तियों का जीनोम सीक्वेंस पैंगोलिन से अलग किए गए जीनोम से 99 प्रतिशत मिलता जुलता है। इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर शुक्रवार को वार्ता की और उनसे इस महामारी का आकलन संयमित रहकर करने को कहा।
उन्होंने अमेरिका से अपील की कि वह इस संक्रमण को काबू करने में चीन के प्रयासों के अनुरूप 'उचित तरीके’’ से प्रतिक्रिया दे।
शी ने दिसंबर में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने के बाद ट्रम्प के साथ फोन पर पहली बार हुई वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया कि चीन ने इस महामारी के लिए 'जनयुद्ध’’ छेड़ दिया है।
हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ समाचार पत्र ने सरकारी टीवी चैनल के हवाले से बताया कि शी ने ट्रम्प को फोन पर बताया कि चीन को 'पूरा भरोसा है कि वह इस महामारी को काबू में कर लेगा और वह ऐसा करने में सक्षम है।
इससे पहले चीन ने अमेरिका पर वीजा प्रतिबंध लगाकर और उड़ान रद्द करने के अलावा राजनयिकों को वहां से निकालकर लोगों में घबराहट का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया था। वुहान में समुदायों से यह सुनिश्चित करने को कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस के हर एक संदिग्ध और पुष्ट मरीज का पता लगाया जाए और उसका इलाज करवाया जाए।
शहर के अधिकारियों ने कहा की सभी सामुदायिक और रहवासी इमारतों के बाहर जांच की व्यवस्था की जा रही है जहां हर व्यक्ति के शरीर का तापमान मापा जाएगा। इसके अतिरिक्त सामुदायिक कार्यकर्ता तथा स्वयंसेवी घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं।
जिन्हें बुखार होगा उन्हें सामुदायिक क्लिनिक ले जाया जाएगा और वहां तय होगा कि उन्हें पृथक रखने की आवश्यकता है या नहीं। अगर मरीज बात नहीं मानेगा तो उस मामले में पुलिस दखल देगी। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने वुहान में 11,000 चिकित्साकर्मी भेजे हैं जिनमें देश के सर्वश्रेष्ठ आईसीयू कर्मी शामिल हैं।
कोरोना वायरस से लड़ाई में एक और चुनौती सामने आई जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने शुक्रवार को चेताया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने वाले मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों की दुनिया भर में कमी हो रही है।
तेदरोस अदहानोम गेब्रेयसस ने जिनेवा में डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड को बताया कि विश्व व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की भारी कमी का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह सुरक्षा मास्क की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क के सदस्यों से बात करेंगे और उत्पादन में आ रही 'बाधाओं” को दूर करने की कोशिश करेंगे।