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Last Modified: मंगलवार, 6 अगस्त 2019 (14:02 IST)

चीन की अमेरिका को चेतावनी- एशिया में मिसाइल तैनात किए तो मिलेगा करारा जवाब

चीन की अमेरिका को चेतावनी- एशिया में मिसाइल तैनात किए तो मिलेगा करारा जवाब - china vows countermeasures if us deploys missiles in asia
बीजिंग। चीन ने मंगलवार को कहा कि अगर अमेरिका ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में मध्यम दूरी की मिसाइल तैनात किए तो वह ‘चुप नहीं बैठेगा’ और इसका माकूल जवाब देगा। कुछ महीनों के अंदर अमेरिका की योजना हिंद प्रशांत क्षेत्र में मिसाइल तैनात करने की है।
 
रूस ने कहा है कि अगर अमेरिका ऐसा करता है तो उसकी भी वहां ऐसी ही मिसाइल तैनात करने की योजना है। शीत युद्धकालीन समझौते की मियाद खत्म होने के बाद हथियारों की होड़ की संभावना बढ़ गई हैं।
 
सप्ताहांत में एशिया में सुरक्षा बैठकों के दौरान अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने कहा कि कुछ महीनों के अंदर वह एशिया-प्रशांत में मध्यम दूरी वाली मिसाइलों को तैनात करना चाहते हैं।
 
रूस और अमेरिका के बीच 1987 में ‘मध्यम दूरी के परमाणु बल पर संधि’ (आईएनएफ) पर हस्ताक्षर किया था। इसके तहत दोनों देशों के परमाणु हथियार की तैनाती पर रोक थी। इस संधि की अवधि शुक्रवार को खत्म हो गई। वॉशिंगटन ने रूस पर इस संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए खुद को इससे अलग कर लिया। रूस ने इसके उल्लंघन से इंकार किया है।
 
चीन के मुख्य शस्त्र नियंत्रण अधिकारी ने मंगलवार को अपनी टिप्पणी में चेतावनी दी कि क्षेत्र के आस-पास के देश अमेरिका को अपने-अपने क्षेत्र में मध्यम दूरी की मिसाइल तैनात करने की अनुमति नहीं दें।
चीन को घोषित किया 'मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश' : अमेरिका ने चीन को आधिकारिक तौर पर मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश (करेंसी मैनिपुलेटर) घोषित किया है। अमेरिका ने चीन पर व्यापार में 'अनुचित प्रतिस्पर्धी लाभ' लेने के लिए युआन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इस कदम से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार मोर्चे पर चल रहे टकराव के गहराने की आशंका है। 
 
अमेरिका ने चीन की ओर से अपनी मुद्रा युआन को डॉलर के मुकाबले सात के स्तर से नीचे रखने की अनुमति देने के बाद यह कदम उठाया। अमेरिकी वित्त विभाग ने सोमवार रात घोषणा में कहा कि वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर चीन को मुद्रा के साथ छेड़छाड़़ करने वाला देश निर्धारित किया।
 
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस फैसले के बाद न्यूचिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से संपर्क करेंगे ताकि चीन की ओर से अनुचित प्रतिस्पर्धा को रोका जा सके। 
 
इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट में कहा था कि चीन अनुचित व्यापार गतिविधियों और मुद्रा की विनियम दर में छेड़छाड़ करके अरबों डॉलर अमेरिका से लेता रहा है। उसका इरादा आगे भी इसे जारी रखने का है। यह एकतरफा है, इसे कई साल पहले बंद हो जाना चाहिए था। 
 
वित्त विभाग ने पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) के बयान का हवाला देते हए आरोप लगाया है कि पीबीओसी ने स्वीकार किया है कि उसे अपनी मुद्रा में हेरफेर करने का व्यापक अनुभव है और वे ऐसा करने के लिए तैयार रहते हैं। 
 
ट्रंप ने 2016 में राष्ट्रपति चुनावी अभियान के दौरान चीन को मुद्रा के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश ठहराने का वादा किया था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाने से इंकार करते हुए चीन को निगरानी सूची में डाल रखा था। (भाषा)