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Last Modified: गुरुवार, 6 जुलाई 2023 (12:38 IST)

अमेरिका से जल्द भारत प्रत्यर्पित होगा तहव्वुर राणा, 2008 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड

अमेरिका से जल्द भारत प्रत्यर्पित होगा तहव्वुर राणा, 2008 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड - Biden admin on Tahawwur Rana petition against extradition to India
Tahawwur Rana : अमेरिका सरकार ने कैलिफोर्निया की एक अदालत से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को अस्वीकार करने का आग्रह किया है। अमेरिका ने कहा कि राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए, जहां वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्तता को लेकर वांछित है।
 
अमेरिका की एक अदालत ने 62 वर्षीय राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की मई में मंजूरी दे दी थी। राणा इस समय लॉस एंजिलिस स्थित ‘मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर’ में हिरासत में है।
 
भारत ने प्रत्यर्पण के लिए राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए 10 जून 2020 को शिकायत दर्ज कराई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।
 
कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के अमेरिकी वकील ई मार्टिन एस्ट्राडा ने अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के समक्ष दायर अभिवेदन में कहा कि अमेरिका अनुरोध करता है कि अदालत राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका को अस्वीकार कर दे।
 
एस्ट्राडा ने राणा की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता यह दिखाने में असमर्थ रहा कि भारत के प्रत्यर्पण संबंधी अनुरोध में संभावित कारण संबंधी पर्याप्त सबूतों का अभाव है।
 
राणा ने भारत में उसके प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका सरकार के अनुरोध को स्वीकार करने वाली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए पिछले महीने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी।
 
अमेरिकी अटॉर्नी एस्ट्राडा ने 23 जून को दायर अभिवेदन में तर्क दिया कि राणा का मुंबई स्थित उसके कारोबारों के वैध होने का दावा झूठा है।
 
उन्होंने कहा कि सबूत उसके इन दावों की पुष्टि नहीं करते कि मुंबई स्थित कार्यालय में वैध काम होता था और यदि ऐसा था, तो भी वैध कारोबारी गतिविधियां इस तथ्य को नहीं दबा सकतीं कि राणा के कारोबार ने उसके बचपन के दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली की मुंबई में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों को छुपाने का काम किया था।
 
एस्ट्राडा ने कहा, 'मुंबई कार्यालय के वित्त पोषण संबंधी राणा के दावे भी इस बात से मेल नहीं खाते कि उसे हेडली की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी और उसने इनका समर्थन नहीं किया।'
 
भारत का राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किए गए हमलों में राणा की भूमिका की जांच कर रहा है। इन हमलों के दौरान अजमल कसाब नामक आतंकवादी जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई। बाकी आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने हमलों के दौरान ढेर कर दिया था। मुंबई आतंकवादी हमलों में 6 अमेरिकी नागरिक सहित कुल 166 लोगों की जान गई थी।
 
एस्ट्राडा ने कहा कि 2008 में जब हेडली को पता चला कि राणा चीन और भारत की यात्रा करने वाला है, तो उसने राणा को सचेत करने का फैसला किया कि एक सह-साजिशकर्ता हमला कर सकता है। राणा और सह-साजिशकर्ता के बीच संवाद की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन एफबीआई ने सात सितंबर, 2009 की बातचीत से पता लगाया था कि राणा ने हेडली को बताया था कि उनके सह-साजिशकर्ता ने उसे (राणा को) सचेत किया था कि मुंबई में हमला होने वाला है।
 
उन्होंने कहा कि यह बात राणा के इन दावों का समर्थन नहीं करती कि उसे हमलों की जानकारी नहीं थी। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta 
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