शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. प्रेरक व्यक्तित्व
  4. A P J Abdul Kalam
Written By

15 अक्टूबर : प्रेरक व्यक्तित्व के धनी ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती

15 अक्टूबर : प्रेरक व्यक्तित्व के धनी ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती - A P J Abdul Kalam
जन्म - 15 अक्टूबर 1931
मृत्यु - 27 जुलाई 2015 
 
भारत के पूर्व राष्ट्रपति जानेमाने वैज्ञानिक, जिन्हें दुनिया मिसाइलमैन के नाम से भी जानती है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था। ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम है। कलाम अपने परिवार में काफी लाडले थे, लेकिन उनका परिवार छोटी-बड़ी मुश्किलों से हमेशा ही जूझता रहता था। उन्हें बचपन में ही अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हो गया था। उस वक्त उनके घर में बिजली नहीं हुआ करती थी और वह केरोसिन तेल का दीपक जलाकर पढ़ाई किया करते थे।
 
कलाम मदरसे में पढ़ने के बाद सुबह रामेश्वरम के रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर जाकर समाचार पत्र एकत्र करते थे। वहां से अखबार लेने के बाद शहर की सड़कों पर दौड़-दौड़कर उसका वितरण करते थे। बचपन में ही आत्मनिर्भर बनने की तरफ उनका यह पहला कदम था। 
 
कलाम जब मात्र 19 वर्ष के थे, तब द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका को भी महसूस किया। युद्ध की आग रामेश्वरम के द्वार तक पहुंच गई थी। इन परिस्थितियों में भोजन सहित सभी आवश्यक वस्तुओं का अभाव हो गया था। कलाम एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में आए, तो इसके पीछे उनके पांचवीं कक्षा के अध्यापक सुब्रह्मण्यम अय्यर की प्रेरणा जरूर थी।
 
अध्यापक की बातों ने उन्हें जीवन के लिए एक मंजिल और उद्देश्य भी प्रदान किया। अभियांत्रिकी की शिक्षा के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया। वहां इन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में अध्ययन किया। 
 
1962 में वे ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ में आए। डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल है। अब्दुल कलाम भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं। 
 
उन्होंने 20 साल तक भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन यानी इसरो में काम किया और करीब इतने ही साल तक रक्षा शोध और विकास संगठन यानी डीआरडीओ में भी। वे 10 साल तक डीआरडीओ के अध्यक्ष भी रहे। साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार की भूमिका भी निभाई थी। इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को स्वदेशी तकनीक से बनाया था।
 
सपने वे नहीं होते जो आपको रात में सोते समय नींद में आए लेकिन सपने वे होते हैं जो रात में सोने न दें। ऐसी बुलंद सोच रखने वाले मिसाइल मैन अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम (ए.पी.जे. अब्दुल कलाम) ने जब देश के सर्वोच्च पद यानी 11वें राष्ट्रपति की शपथ ली थी तो देश के हर वैज्ञानिक का सर फक्र से ऊंचा हो गया।
 
पुरस्कार- 
 
* ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत के नागरिक सम्मान के रूप में 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण दिया गया था।
 
* इन्हें 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। 
 
18 जुलाई, 2002 को कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। इन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एनडीए घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था, जिसका वामदलों के अलावा समस्त दलों ने समर्थन किया। 25 जुलाई 2002 उन्होंने संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 25 जुलाई 2007 को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था। उनका 27 जुलाई 2015 को निधन हो गया। 
 
आसमान की ऊंचाइयों को छूने के लिए हवाई जहाज और अन्य साधनों से भी जरूरी चीज है हौसला। हौसला आपकी सोच को वह उड़ान देता है जिसका शिखर कामयाबी की चोटी पर है। कामयाबी के शिखर तक पहुंचने की आपने यूं तो हजारों कहानियां पढ़ी होंगी लेकिन ऐसी ही एक कहानी हैं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की है। कलाम साहब अभियंता के रूप में विख्यात थे।
ये भी पढ़ें
Health Tips : खट्टी डकार से हैं परेशान तो अपनाएं ये उपाय