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कॉलेज की वो घटना, जिसने सुभाष चंद्र बोस को बना दिया था क्रांतिकारी

कॉलेज की वो घटना, जिसने सुभाष चंद्र बोस को बना दिया था क्रांतिकारी - 23rd january birth anniversary of subhash chandra bose
नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं। आजादी की लड़ाई में उनका अहम योगदान रहा। आजादी का जिक्र करते हैं तो आज भी उन्‍हें याद किया जाता है। उनके जीवन के कई सारे किस्से हैं जो देशभक्ति के लिए प्रेरित करती है। ऐसी ही एक उनके कॉलेज के दिनों का किस्‍सा है जिसने उन्‍हें क्रांतिकारी बना दिया था। आइए जानते हैं वो क्‍या है ?

ये वह घटना है जिसने उनकी सोच बदलकर रख दी। और उस दिन के बाद से क्रांतिकारी की राह पर निकल पड़े। सुभाष चंद्र बचपन से मेधावी छात्र थे। पढ़ाई में उनकी अधिक रूचि थी। उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। इसके कुछ दिन बाद एक घटना घटित हुई। 

दरअसल, सुभाष चंद्र बोस कॉलेज की लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे। तभी उन्‍हें पता चला कि एक अंग्रेज प्रोफेसर ने उनके कुछ साथियों को धक्का दिया। सुभाष चंद्र बोस क्‍लास के रिप्रेजेंटेटिव थे, वह तुरंत प्रिंसिपल के पास पहुंचे। उन्‍होंने इस बारे में चर्चा की। हालांकि अंग्रेज प्रोफेसरों का रवैया काफी बेकार था। इसलिए सुभाष चंद्र बोस ने प्रिंसिपल से कहा कि वे प्रोफेसर से कहे कि छात्रों से माफी मांगी। लेकिन प्रिंसिपल ने ऐसा करने से मना कर दिया।  
अगले दिन छात्र हड़ताल पर बैठ गए। पूरे शहर में यह बात हवा की तरह तेजी से फैल गई। उन्‍हें भी कई लोगों का समर्थन मिलने लगा।अंतत: प्रोफेसर को झुकना पड़ा। कुछ दिन बाद प्रोफेसर ने यह वाक्‍या फिर छात्रों के साथ दोहराया। इसके बाद छात्रों ने कानून को हाथों में ले लिया और बल प्रयोग करने लगे। मामला इतना बढ़ गया कि जांच समिति बनी। जिसमें सुभाष चंद्र बोस ने अपने तर्कों के साथ पक्ष रखा। उनकी कार्रवाई को सही ठहराया गया। लेकिन कॉलेज के प्रिंसिपल ने सुभाष चंद्र बोस और उनके कुछ साथियों के नाम काली सूची में डाल दिया।  



इस घटना से सुभाष चंद्र बोस ने एहसास किया कि, अंग्रेज भारतीयों के साथ कितना बुरा व्यवहार कर रहे हैं।  इस घटना के बाद से बोस के मन में गुस्सा भर गया। तब से ही उनके दिमाग में यह बात बैठ गई थी कि किसी भी तरह से अंग्रेजों को इस देश से बाहर निकालना है।