इंदौर। अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाओ और फिर उसे पाने के लिए सारी शक्ति लगा दो। परिश्रम करने में कोई कसर नहीं रखें और जितना संभव हो सोशल मीडिया से दूर ही रहें। हमारा जीवन तब मीनिंगफुल बनता है, जब हम अपनी रुचि के काम को एक ऊंचाई प्रदान करते हैं। स्वयं को किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं रखे, इसे प्रेक्टिकल या व्यवहारिक ज्ञान के रूप में भी हासिल करें। हमारे अध्ययन में ईमानदारी और पारदर्शिता दोनों होना चाहिए।
यह विचार कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी के हैं, जो उन्होंने इंदौर प्रेस क्लब द्वारा मीडिया के साथियों के मेधावी बच्चों के सम्मान समारोह काबिलियत को सलाम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इंदौर में अध्ययन करना भी एक तरह की अपार्च्यूनिटी है। क्योंकि इस शहर में अध्ययन की सभी प्रकार की आधुनिकतम सुविधाएं हैं। यहां अच्छे टीचर्स, लेब, कोचिंग क्लासेस और शिक्षा संस्थान हैं। बच्चे इनका लाभ उठाएं और आगे बढ़ें।
बच्चों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में डॉ. इलैया राजा टी ने अपने जीवन से जुड़े अनछुए पहलुओं को शेयर करते हुए कहा कि सेल्फ स्टडी का अपना एक अलग ही आनंद है। इससे हमें एक नया विजन मिलता है। केवल अधिक नंबर हासिल करने के लिए ही ध्यान नहीं दे, अन्य विषयों पर भी फोकस करें, क्योंकि आगे बढऩे की संभावना आज कई क्षेत्रों में है।
कमिटमेंट से सफलता : कार्यक्रम के विशेष अतिथि वरिष्ठ शिक्षाविद और मोटिवेशनल स्पीकर स्वप्निल कोठारी ने छोटी-छोटी, प्रेरक और ज्ञानवर्धक कहानियों को सुनाते हुए कहा कि यदि किसी बच्चे में प्रतिभा, महत्वाकांक्षा और लक्ष्य के प्रति कमिटमेंट है तो उसे आगे बढऩे से दुनिया की कोई भी ताकत रोक नहीं सकती। जब एक नाविक का बेटा डॉ. एपीजे कलाम साइंटिस्ट और राष्ट्रपति बन सकता है और किसान का बेटा प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री बन सकता है तो हम और आप भी एक सफल उद्यमी, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, खिलाड़ी क्यों नहीं बन सकते।
उन्होंने कहा कि गूगल के सीईओ सुंदर राजन पिचई, क्रिकेटर रोहित शर्मा और फिल्म अभिनेता नवाजउद्दीन सिद्दिकी इसके श्रेष्ठ उदाहरण हैं। उन्होंने बच्चों से कहा कि छोटी-छोटी बातों के विवादों में हम अपनी ऊर्जा को नहीं गंवाएं और हमेशा बड़े सपने देखें। जब सपने देखेंगे, तभी हम उसे पूरा करने के लिए परिश्रम करेंगे। केवल अच्छे कपड़े पहनने या गाड़ियों पर स्टंट करने से कोई महान या हीरो नहीं बनता है। हीरो वह बनता है जिसकी कोई कहानी होती है और उसमें उपहास, संघर्ष, उपेक्षा और अपमान आदि शामिल होते हैं। बिना संघर्ष के कोई आगे नहीं बढ़ता है और संघर्ष का कोई शॉर्टकट भी नहीं होता है।
स्वागत भाषण देते हुए इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि यह दौर प्रतिस्पर्धा का है। प्रतिस्पर्धा में बने रहने और विजयी होकर निकलने के लिए यह जरूरी है कि आप अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करें। यह ज्ञान आपको अपने टीचर्स, पेरेंट्स व सहपाठियों से ही मिल सकता है। जीवन में सफलता के लिए अनुशासन भी बहुत जरूरी है। आप अपने माता-पिता का भी आदर करें, क्योंकि अनुशासन की पहली सीढ़ी वे ही हैं।
अतिथियों के उद्बोधन के बाद समारोह में मीडियाकर्मियों के 70 मेधावी बच्चों का सम्मान किया गया। इन बच्चों को बैग, कापियां, कम्पास, लंच बॉक्स, वाटर बॉटल, कलर पेंसिल सेट्स के साथ प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। शैक्षणिक उपलब्धि के अलावा राष्ट्रीय और राज्य स्तर की स्पर्धाओं में पुरस्कार जीतने वाले एवं विभिन्न क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले प्रतिभावान बच्चों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जलन के साथ हुआ। अतिथियों का स्वागत प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, दीपक कर्दम, महासचिव हेमंत शर्मा, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार तपेन्द्र सुगंधी ने किया। कार्यक्रम का संचालन राहुल तिवारी ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर बच्चों के अभिभावक और मीडिया के साथियों के साथ गणमान्यजन मौजूद थे।