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  4. Sustainable Week concludes with prayer meeting on 14th death anniversary of Jimmy McGilligan
Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 24 अप्रैल 2025 (14:40 IST)

जिम्मी (जेम्स) मगिलिगन की 14वीं पुण्यतिथि पर प्रार्थना सभा के साथ सस्टेनेबल सप्ताह संपन्न

Janak McGilligan Foundation for Sustainable Development Trust
पद्‍मश्री डॉ. (श्रीमती) जनक पलटा मगिलिगन के पति ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर से सम्मानित स्वर्गीय जेम्स (जिम्मी) मगिलिगन की याद में जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आयोजित सप्ताह भर सस्टेनेबल डेवलपमेंट कार्यक्रमों का समापन सनावादिया गांव में जनक जिम्मी के निवास गिरिदर्शन में प्रार्थना सभा के साथ शुरू हुआ।

फाउंडेशन के सचिव समीर शर्मा ने सभी का हार्दिक अभिनंदन किया। नित्या बत्रा ने शंखनाद किया और जनक पलटा मगिलिगन ने अपने पति को समर्पित बहाई पवित्र छंदों का गायन किया 'ह्र्दय आत्मा संग तू कर संघर्ष महान कर्म ही तेरे देंगे तुझे एक अलग पहचान!इसके बाद चंडीगढ़ से आए जनक दीदी के भाई सुभाष पलटा,  बहन नीलम वर्मा और उनके जीजा अरुण वर्मा, वंदना बत्रा ने एकता, प्रभु की महिमा, आत्मा की प्रगति पर केन्द्रित बहाई प्रार्थनाओं का पाठ किया।

बरली ग्रामीण विकास संस्थान की निदेशिका ताहिरा जाधव ने बहाई सेवक जिम्मी की पवित्र आत्मा की प्रगति के लिए, आर्यन पाठक और करोलिना ने बहाई प्रार्थनाएं की। समीर शर्मा ने इस अवसर पर बहाई धर्म के संस्थापक, युग अवतार बहाउल्लाह के लेखों में से मृत्यु और आत्मा के बारे पढ़ कर सुनाया

'मनुष्य की आत्मा और मृत्यु के बाद उसके अस्तित्व के तुम्हारे प्रश्न के बारे में, तुम एक सत्य को जानो कि आत्मा, शरीर से अलग होने के बाद, तब तक प्रगति करती रहेगी जब तक कि वह ईश्वर की उपस्थिति प्राप्त नहीं कर लेती। हे मनुष्य के पुत्र तू मेरा राज्य है और मेरा राज्य कभी नष्ट नहीं होता; तू अपने नाश से क्यों डरता है? तू मेरा प्रकाश है और मेरा प्रकाश कभी नहीं बुझेगा; तू क्यों विलुप्त होने से डरता है? तू मेरी महिमा है और मेरी महिमा कभी नहीं बुझती; तू मेरा वस्त्र है और मेरा वस्त्र कभी पुराना नहीं होगा। इसलिए मेरे प्रति अपने प्रेम में बना रह, ताकि तू मुझे महिमा के राज्य में पा सके।'

डॉ गुरमीत सिंह नारंग और गुरबख्श ने गुरु ग्रंथ साहिब से गुरबाणी का पाठ किया। गिरिदर्शन में चारो तरफ, पेड़ों के बीच महू से अनुराग शुक्ला ने कृष्ण भजन 'अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं' डॉ. सीमा विजयवर्गीय ने 'जिनके ह्रदय श्री राम बसे, उन और को नाम लियो ना लियोडॉ. नीरजा पौराणिक 'तू बुद्धि दे, तू तेज दे, नव चेतना, विश्वास देराजेंदर ओचानी ने 'इतनी शक्ति हमे देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना' गौतम काले संगीत गुरुकुल के शिष्यों ने भक्ति और प्रकृति से प्रेरित आलोकिक, भजन प्रस्तुत किए। भक्ति संगीत और प्रार्थनाएं उपस्थित सभी लोगों के लिए एक रहस्यमय अनुभव था। प्रार्थनाओं और भजनों के साथ जिम्मी को श्रद्धांजलि देकर सभी आनंद से भर गए। 

जनक दीदी की भावनाएं : जनक दीदी ने कहा 'मै जो कुछ भी कर पाई हूं, वह मेरे पति जिम्मी द्वारा मेरे और भारत माता के लिए किए गए त्याग के कारण है, जो मुझे प्रेरित करता है। आप सभी मेरे पति के निधन की 14वीं पुण्यतिथि पर प्रार्थना सभा में मेरे साथ है आप मेरा संबल है। जिम्मी के तन, मन और आत्मा एक साथ काम करते थे। मैं सभी काम अभी तक पूरी निष्ठा से इसलिए कर पा रही हूं कि जिम्मी ने मेरे लिए सब कुछ त्याग कर भारत में 25 साल सेवा दी और वे मेरी भी बहुत देखभाल करते थे। वह मुझे अपनी सेवाएं देने के लिए प्रेरित करते रहते हैं, जिसकी हमने मिलकर योजना बनाई थी। आप सभी का प्रेम, सहयोग और विश्वास मुझे हर दिन शक्ति देता है।'

डॉ. गीति वजदी मित्रा की यादे: जिम्मी के साथ 1988 से लेकर 2011 तक की कुछ यादे सुनाई 'जिम्मी एक शुद्ध ह्र्दय वाले, शांत, कर्मठ, सरल, सहज, सौम्य, समर्पित, निस्वार्थ बहाई सेवक थे। जिन्होंने अपना व्यवसाय, घर, परिवार और अपना देश ब्रिटेन छोड़ दिया।' उन्होंने 'कर्तव्य+प्रेम+त्याग=सेवा' से भरा जीवन जिया। वर्षों तक  इंदौर में पूरे दिल और आत्मा से आदिवासी समुदायों और जाने से पहले सनावदिया में भी निस्वार्थ सेवा की। पर्यावरण, प्रकृति, प्रेम और सूर्य के प्रकाश को फैलाने के समर्पण के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा उनके लिए काम ही पूजा थी और सेवा ही प्रार्थना थी।
 
इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी : इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी ने बताया 'जिम्मी जी ने इंदौर में जो सोलर किचन, सोलर ड्रायर, पानी का संरक्षण, जैविक खेती, स्वच्छता, जीरो वेस्ट, नवाचार, रिसर्च और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के काम 30 साल पहले किए जब किसी ने यह शब्द भी नही सुने थे।

मुझे याद है एक बार झाबुआ के गांव के लोगो ने बताया कि उनकी बेटियां इन दोनों से बरली से सीख कर अपने जीवन को, अपने परिवार और गांव का विकास किया है। इंदौर का नाम विश्व पटल पर लाए जनक दीदी और जिम्मी जीजा जी एक आदर्श दम्पति है, जिनको कुछ लेने में नहीं सब देने के लिए जाने जाते हैं। दोनों ने चंडीगढ़ और ब्रिटेन छोड़ इंदौर, सनावादिया में सभी के हो गए और सभी को अपना बना लिया हम सभी जीजा जी को नमन करते है।'

जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की ट्रस्टी अनुराधा दुबे, प्रो. आशीष दुबे, अम्बरीश सोनी, पोस्टमॉस्टर जनरल प्रीति अग्रवाल और उनके पति शील कुमार वकील, इन्दर भंडारी, विनय विजयवर्गीय, डॉ. पूनम माथुर, एएसपी मनीषा पाठक सोनी, एएसपी सीमा अलावा, निशा संगल, भारती बत्रा, आई टी विशेषज्ञ भारत सिंग, डॉ. नीरजा पौराणिक, पर्यावरणविद अनुराग शुक्ला और अर्चना शुक्ला, राजेंद्र सिंह, चंचल, हरनाम सिंह, महू से देव वासुदेवन, सोलर इंजीनियर सुस्मिता भट्टाचार्य गांव सनावादिया से अंश और महेंद्र धाकड़, निक्की सुरेखा, दुष्यंत धाकड़, अदिति गौतम काले उपस्थित थे।

सोलर ड्रायर वाला शिष्य वरुण रहेजा: इस पवित्र दिन पर, मैं अपने गुरु की स्मृति का सम्मान करता हूं, जिनके मार्गदर्शन मुझे प्रेरित करते रहे हैं, भले ही हमारे रास्ते कभी व्यक्तिगत रूप से एक-दूसरे से नहीं मिले। हालांकि मुझे उनसे आमने-सामने मिलने का सौभाग्य कभी नहीं मिला, लेकिन उनकी शिक्षाओं और विरासत ने मेरे जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

आज, मैं उनके गहन प्रभाव और मेरे सहित अनगिनत जिंदगियों पर उनके द्वारा डाले गए स्थायी प्रभाव पर विचार कर रहा हूं। भले ही वह अब शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आत्मा उनके द्वारा दिए गए सबक और उनके द्वारा छुए गए जीवन के माध्यम से जीवित है। 

सुभाष पलटा : सबसे पहले मैं आप सभी का धन्यवाद देता हूं कि आप सभी जनक दीदी का बड़ा परिवार है। दीदी हम सबसे बडी है, उनका जीवन ही तपस्या और त्याग है। उन्होंने हम चार बहन-भाई को पढ़ाया-लिखाया। हमारी सभी की शादी की। 40 साल पहले चंडीगढ़ अच्छी-खासी नौकरी से त्याग पत्र देकर अपने बहाई जीवन को समर्पित होकर घर छोड़ कर इंदौर आ गई।

जिम्मी जीजा जी भी पूर्णतय बहाई सेवा को समर्पित थे और इन दोनों की शादी हमारे सारे परिवार ने बहुत ख़ुशी से चंडीगढ़ में की और हम सभी उनका बहुत सम्मान करते है। जीजा जी के अचानक दुर्घटना से ईश्वर को प्यारे हो गए। दोनों रिटायर हो रहे थे ये घर बना लिया था और दीदी अकेली कैसे रहेगी, हम उनको चंडीगढ़ ले जाना चाहते थे लेकिन दीदी की आस्था, आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और आप सभी के भरोसे, प्रेम और सहयोग से अब हम  आपको ही इनका असली परिवार मानते है। मैं आप सभी को प्रणाम करता हूं। 

जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के ट्रस्टी वीरेंद्र गोयल ने सभी का धन्यवाद किया और अपील की मिलकर यह सस्टेनेबल डेवलपमेंट का मिशन निरंतर जारी रखेंगे। कार्यक्रम का संचालन समीर शर्मा ने किया।
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