15 अक्टूबर 2025 को महिला किसान दिवस पर दूरदर्शन दिल्ली के विशेष कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्रों 7 प्रगतिशील महिला किसानों को, दिल्ली स्थित डीडी किसान केंद्र में आमंत्रित कर भारत में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए जानी जाने वाली, इंदौर सनावदिया निवासी डॉ. जनक पलटा मगिलिगन सम्मानित किया।
जनक ने दूरदर्शन पर अपने जीवन के अनुभव साझा किए: 'देश में पहली सफल ओपन हार्ट सर्जरी से होश आने पर ईश्वर से कहा था, आपने मुझे ये नया जीवन दिया है, इसे मैं आपको शुक्रिया करने में ही बिताऊंगी। पर समझ नहीं पा रही थी, कैसे उनका धन्यवाद करूं?'
'मुझे बहाई धर्म के बारे में पता चला और मुझे समझ आया कि इंसान को विवेक और आत्मा दी गई है ताकि वह ईश्वर की बनाई सभी रचनाओं का संरक्षण करे और यही जीवन का असली उद्देश्य है। फुल टाइम थैंक्स करने के लिए चंडीगढ़ छोड़ कर 1985 में मुझे अकेली इंदौर आई। आदिवासी महिलाओ के सशक्तिकरण के लिए बरली ग्रामीण महिला संस्थान शुरू करने के लिए 6 एकड़ बंजार जमीन दी गई, जिसकी स्थापना करके 500 ग्रामीण, आदिवासी महिलाओं को साक्षरता, स्वास्थ्य, जैविक खेती और सतत सामुदायिक विकास के साथ सशक्तिकरण के लिए प्रशिक्षण दिया 26 वर्षों तक और उस परिसर को टिकाऊ, शून्य अपशिष्ट और जैविक खेती के रूप में विकसित किया।
हमने उस ज़मीन को पूरी तरह सस्टेनेबल बनाया, वहीं खाना उगाया, सोलर कुकिंग और जैविक खेती सिखाई। हमने भीली, भीलाली और निमाड़ी भाषाओं में किताबें तैयार कीं ताकि आदिवासी महिलाएं अपनी भाषा में शिक्षा पा सकें। मैंने सबसे पहले झाबुआ ज़िले के 302 गांवों में नारू उन्मूलन के महिलाओं को भीली नाटक से प्रशिक्षण दिया, पानी को छानकर पिया जाए, तो नहीं होगा। महिलाओं ने समझकर नारू उन्मूलन किया। उसी समय मुझे सतत विकास का असली अर्थ समझ में आया।
जब मैं वापस इंदौर आई, तो मैंने देखा कि शहरों में ज़मीन और पानी दोनों प्रदूषित हो रहे हैं। पंजाब में तो ज़हर जैसी स्थिति है, मिट्टी और पानी में रसायनों की भरमार है। मुझे लगा कि अगर कुछ बदलना है तो अपने जीवन से शुरुआत करनी होगी। इसलिए मैंने तय किया कि मैं ऐसा जीवन जिऊंगी जिसमें कोई कचरा न हो, सब कुछ पुनः उपयोग में आए। हमारे पास यह चॉइस नहीं है कि हम मरेंगे कैसे, लेकिन यह ज़रूर हमारी चॉइस है कि हम जिएंगे कैसे। मेरा विश्वास है कि जब तक हम अपने जीवन को प्रकृति और दूसरों के हित के लिए नहीं जीते, तब तक जीवन अधूरा है। जीवन को पूरी ऊर्जा के साथ जी रही हूं।'
डीडी किसान केंद्र कार्यालय में देश की अलग-अलग कृषि क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा से पहचान बनाने वाली 7 महिलाओं, जिनमें किसान चाची के नाम से विख्यात पद्मश्री राजकुमारी देवी, नारियल अम्मा पद्मश्री कामाची चेल्लाम्मल, ड्रोन दीदी विमला सिंवर, कृषि उद्यमी अन्नू कानावत, डेयरी फार्मिंग में असाधारण योगदान देने वाली रेणु सांगवान ऊर्जा संरक्षण के लिए काम कर रहीं पद्मश्री जनक पलटा को आमंत्रित किया गया, सभी महिलाओं द्वारा कृषि क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों बारे विस्तार से चर्चा की गई। सभी महिलाओं ने शुरुआत से लेकर अब तक के अपने कृषि क्षेत्र के सफर के बारे में अपने विचार सांझा किए।
डीडी किसान केंद्र में आमंत्रित दूरदर्शन के महानिदेशक के. सतीश नंबूदिरीपाद, प्रसार भारती के चेयरमेन नवनीत कुमार सहगल, मुख्य डीडी किसान के उपमहानिदेशक लोकमान सिंह और उपनिदेशक व कार्यक्रम प्रमुख राजकुमार नाहर ने 'भारतीय कृषि में महिलाओं के अतुलनीय योगदान के लिए डीडी महिला किसान सम्मान दिया।'