इंदौर। शहर के एकमात्र सर्वसुविधायुक्त ऑडिटोरियम 'लाभ मंडपम' का शुभारंभ जूनापीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंदजी के अमृत वचनों से हुआ। इस अवसर पर स्वामी अवधेशानंदजी ने कहा कि जीवन लाभ के लिए हानि के लिए नहीं और शुभता के बिना कभी लाभ नहीं आता।
अवधेशानंदजी ने महर्षि वेदव्यास को उद्धृत करते हुए कहा कि परोपकार ही पुण्य है और परोपकार ही सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग निजता पर प्रहार का युग है, इन्हें उजागर करने का युग है। सबसे बड़ा परोपकार यही है कि हम दूसरे के दोषों को ढंकें और उसे सत्य और अस्तित्व का आभास करा दें।
उन्होंने कहा कि जो परंपरा से जुड़ा है, वह अपने माता पिता से भी जुड़ा है। कुल, गोत्र, नाम शरीर व्यक्ति को माता पिता से ही मिलता है। इसके लिए हम माता-पिता के हमेशा ऋणी रहेंगे। हमारी परंपरा मात देवो भव:, पितृ देवो भव:, आचार्य देवो भव: की है। व्यक्ति को ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे दूसरा व्यक्ति अपमानित महसूस करे। दूसरे को पीड़ित करना ही अधर्म है। कार्यक्रम में इंदौर की महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी, वेबदुनिया के संस्थापक और सीईओ विनय छजलानी के साथ ही गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं।
एक नजर : अभय प्रशाल में बनाए गए लाभ मंडपम में 1,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यह पूरी तरह वातानुकूलित है। इंदौर में लंबे समय से एक ऐसे ही अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय ऑडिटोरियम की जरूरत महसूस की जा रही थी, जहां सभी सुविधाएं मौजूद हों। यह अपने आप में ऐसा पहला ऑडिटोरियम है, जो कि तीसरी और चौथी मंजिल पर स्थित है। इसमें मूवी थिएटर, सेमिनार हॉल, फूड जोन, चार अत्याधुनिक लिफ्ट, व्यवस्थित पार्किंग, दिव्यांगों के लिए रैंप जैसी कई सुविधाएं हैं, जो इसे शहर के अन्य ऑडिटोरियम से अलग करती हैं।
इस ऑडिटोरियम की सबसे खास बात यह है कि यहां इस तरह की व्यवस्था की गई है कि पूरे कार्यक्रम की मूवी ऑटोमेटिक रिकॉर्ड हो जाएगी तथा इंटरनेट के माध्यम से इसे कहीं भी देखा जा सकता है। ऑडिटोरियम की बैठक व्यवस्था इस तरह की है कि स्टेज से दर्शकों और श्रोताओं का वन-टू-वन कनेक्शन रहे। यहां की कुर्सियां आरामदायक होने के साथ ही हर कुर्सी पर सेम लेवल की हियरिंग की व्यवस्था की गई है। फ्लाइंग माइक से सुसज्जित इस ऑडिटोरियम का साउंड सिस्टम भी बेहद प्रभावी है। ऑडिटोरियम का लाइट सिस्टम अंतरराष्ट्रीय स्तर का है।