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जिम्मी मगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल डेवलपमेंट सप्ताह का प्रार्थना सभा से समापन

जिम्मी मगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल डेवलपमेंट सप्ताह का प्रार्थना सभा से समापन - Jimmy Memorial Sustainable Development Week
चैंपियन ऑफ सस्टेनेबल डिवेलपमेंट ऑफ ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर से सम्मानित स्वर्गीय जेम्स (जिम्मी) मगिगिलिगन की याद में आयोजित जिम्मी मगिगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल डेवलपमेंट सप्ताह भर के कार्यक्रमों का समापन कल शाम 21 अप्रैल, 2019 को उनके निधन की 8 वीं वर्षगांठ पर प्रार्थना सभा के साथ हुआ। 
 
भगवान का आह्वान तपन मुखर्जी द्वारा शंखनाद के साथ शुरू हुआ, इसके बाद शिक्षाविद् डॉ ललिता शर्मा, डॉ उमी सरन, मेटल आर्टिस्ट देवल वर्मा, गुरुबक्स, केंद्रीय विद्यालय की वाइस प्रिंसिपल संध्या तराफदिया, महू से आकृति शुक्ला ने सुनील रवीना चौहान, आर्किटेक वैभव जोशी और जनक दीदी व चंडीगढ़ से बहन नीलम व उनके पति अरुण वर्मा, भाभी पूनम पलटा, बंगलोर से आभा तिवारी ने बहाई प्रर्थानाओं का पाठ किया। इंदौर हवाई अड्डे की श्रीमती आर्यमा सान्याल, निदेशक ने रवीन्द्र संगीत से बंगला प्रार्थना की डॉ. गुरमीत सिंह नारंग ने गुरु ग्रंथ
साहब से पवित्र पाठ किया, यू एस एम से फादर जैकब ने पवित्र बाइबल का पाठ किया।
संगीत गुरुकुल के संगीत गुरु गौतम काले व उनके शिष्यों ने प्रर्थना व भजन प्रस्तुतियों से जिम्मी को स्वरांजलि अर्पित कर सभी को आनंद विभोर कर दिया। इंदौर से सम्मानित प्रो. सरोज कुमार, स्मृति और आदित्य पांडे, डॉ. केडी भार्गव, डॉ. सुषमा भार्गव, डॉ. असीम नेगी डॉ सीमा विजयवर्गीय और विनय विजयवर्गीय, डॉ. अपूर्व पौराणि‍क और डॉ. नीरजा पौराणि‍क, पर्यावरणविद् अनुराग शुक्ला, राजेंद्र सिंह, महू से देव वासदेवन, सनावदिया ग्राम के सरपंच भारत पटेल व गांव के जैविक किसान गोविन्द माहेश्वरी, प्रशांत, हेमंत, दुष्यंत धाकड़, गौरव पटेल उपस्थित थे गुजरात के प्रसिद्ध सोलर इंजीनियर, सेवा धाम के सुधीर भाई गोयल और डॉ अपूर्व पौराणिक ने जिम्मी मगिगिलिगन के भावभीने संस्मरण सुनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि वो एक शांत, सज्जन बहाई सेवक थे जिन्होंने अपना व्यवसाय, घर, परिवार अपना देश ब्रिटन छोड़ 25 वर्षों तक इंदौर में आकर आदिवासी समुदाओं व सनावदिया में तन मन आत्मा से निस्वार्थ सेवा की। 
सोलर उर्जा व पर्यावरण के प्रति समर्पण के लिए, उनके प्यार के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उनके लिए, काम पूजा था और सेवा प्रार्थना थी। उन्होंने कर्तव्य + प्रेम + बलिदान = सेवा से भरा जीवन जि‍या। उन्होंने जनक दीदी ने आभार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि जो भी कर पाई, वह अपने पति के त्याग जो मेरे और भारत मां के लिए किया जो मुझे प्रेरित करता है। जो भी हमने एक साथ योजना बनाई थी, अब भी उस दिशा में प्रयासरत हूं...कार्यक्रम का संचालन समीर शर्मा ने किया।