ग्रीन कॉरिडोर से पहली बार फेफड़े दान, जीवित रहते की लोगों की मदद, मौत के बाद 6 को दी नई जिंदगी
इंदौर। जब जिंदगी थी तो लोगों की सहायता की और मौत मिली तो दे गई 6 लोगों को जीवनदान। यह कहानी है 36 साल की हर्षिता कौशल की।
एक हादसे में ब्रेन हेमरेज होने के बाद वह अस्पताल में भर्ती थी। ब्रेन डेथ होने पर हर्षिता के परिवार वालों ने उसकी इच्छा के मुताबिक उसके अंगदान किए। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहली बार फेफड़े दान किए गए।
हर्षिता के भाई के मुताबिक जीवन में हमेशा लोगों की सहायता करने वाली हर्षिता अंगदान की खबर पढ़कर हमेशा कहती थी कि मुझे कुछ हो तो मेरा भी अंगदान कर देना।
हर्षिता के दिल व फेफड़े मुंबई के फोर्टिस अस्पताल में 26 वर्ष की एक युवती को लगाए गए। एक किडनी चोइथराम अस्पताल में 42 साल के पुरुष को, दूसरी किडनी बॉम्बे अस्पताल में 50 साल की महिला को व लीवर 57 साल के पुरुष को सीएचएल अस्पताल में लगाया गया।
इंदौर में 38 माह में 36वां ग्रीन कॉरिडोर : इंदौर में 38 महीने में 36वीं बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगदान किए गए। पहला ग्रीन कॉरिडोर अक्टूबर 2015 में बनाया गया था। दिल और फेफड़े भेजने के लिए 17 मिनट 38 सेकंड तक सुपर कॉरिडोर थम गया। प्रदेश में पहली बार फेफड़े दान किए गए।