कानून की दलीलें देने वालों को खाकी का गिरेबां पकड़ने में शर्म क्यों नहीं आई?
यह बात अलग है कि राजवाड़ा पर खेली गई होली के रंग के दाग इंदौर के सफाईकर्मी कुछ ही देर में इस कदर साफ कर देते हैं कि पता ही नहीं चलता कि यहां होली खेली गई थी, लेकिन शनिवार की दोपहर देश के सबसे स्वच्छ शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहे पर इंदौर के वकीलों ने अपनी हरकतों से जो दाग लगाया है, उसे धुलने में शायद कुछ समय लगेगा।
जो वकील संविधान में लिखे कानूनों और नियमों का जज के सामने हवाला देते हुए अपने मुवक्किलों को बचाते हैं या फिर आरोपियों को सजा दिलवाते हैं, उन्हें कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले खाकीवर्दी पहने पुलिसकर्मियों के गिरेबां में हाथ डालने में जरा भी शर्म नहीं आई, वो भी सिर्फ इस बात के लिए कि उनके मन की नहीं हो रही है। वकीलों ने पुलिस के साथ हुज्जत ही नहीं की बल्कि प्रदर्शन के दौरान उन्होंने राह चलते लोगों के साथ भी गुंडागर्दी कर डाली।
कुल मिलाकर इंदौर में वकीलों ने गुंडागर्दी की सारे हदें पार कर दी। पहले सड़क पर बवाल काटा, फिर पुलिस वालों की पिटाई कर डाली। राह चलने वाले लोगों को भी पीटा और चक्का जाम किया। करीब दो घंटे तक वकीलों ने हाईवोल्टेज ड्रामा किया। इस दौरान तुकोगंज टीआई जीतेंद्र सिंह यादव के साथ इस कदर झुमाझटकी और हाथापाई कर डाली कि पुलिसकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से उन्हें भीड़ से बाहर निकालकर बचाया।
दरअसल, परदेशीपुरा पुलिस द्वारा होली के दिन वकील के ऊपर दर्ज किए गए एक प्रकरण के विरोध में शनिवार को वकील हंगामा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने डीसीपी आनंद यादव की गाड़ी भी रोकी। सोशल मीडिया में वकीलों की बदसलूकी के वीडियो वायरल हो रहे हैं।
क्यों कटा बवाल : दरअसल, शुक्रवार को होली वाले दिन परदेसीपुरा थाना थाना क्षेत्र में दो पक्षों के बीच रंग डालने को लेकर बहस हो रही थी, इस विवाद के बीच पुलिस वहां पहुंच गई, पुलिस के कर्मचारी सीनियर अधिवक्ता अरविंद जैन से उलझ गए, मामला बढ़ गया और पुलिस ने अधिवक्ता अरविंद जैन और उनके दो वकील बेटों के साथ मारपीट कर डाली। इसका वीडियो भी वायरल हो गया, जिससे वकील नाराज हो गए और शनिवार को सभी वकील जमा हो गए। उन्होंने हाईकोर्ट के बाहर धरना प्रदर्शन कर चक्काजाम किया। यहां पहुंचे तुकोगंज थाना टीआई से फिर वकीलों का झगड़ा हुआ झुमा झटकी हुई, हालत देखे टीआई को वहां से निकाला गया। वकीलों ने आरोप लगाया कि टीआई जीतेंद्र यादव शराब पीये हुए थे और अभद्रता कर रहे थे।
क्या कहा डीसीपी ने : एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है, मामले की जांच शुरू कर दी गई है, उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम की जांच की जाएगी। सवाल यह है कि जिस पुलिसकर्मी पर वकीलों ने मारपीट का आरोप लगाया था, उसे विभाग ने निलंबित कर दिया और आगे की जांच पुलिस द्वारा की जा रही थी तो वकील कानून हाथ में लेकर अपनी कौनसी वकालत करने के लिए सडक पर उतर आए और न सिर्फ पुलिस अधिकारी बल्कि राह चलते लोगों के साथ भी मारपीट करने लगे।