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Last Updated : शुक्रवार, 22 मार्च 2024 (15:03 IST)

इंदौर बावड़ी हादसा: सालभर बाद 2 आरोपी गिरफ्तार, 36 लोगों की हो गई थी मौत

एमपी हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी

इंदौर बावड़ी हादसा: सालभर बाद 2 आरोपी गिरफ्तार, 36 लोगों की हो गई थी मौत - 2 accused arrested in Indore stepwell accident case
Indore stepwell accident case : इंदौर की एक पुरानी बावड़ी के ऊपर अवैध रूप से बने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (Beleshwar Mahadev Jhulelal temple) में सालभर पहले हुए भीषण हादसे के मामले के 2 आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस मामले में एमपी हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी।

 
36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी : मंदिर में हुए हादसे में 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी जिनमें 2 बच्चे और 21 महिलाएं शामिल थीं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हादसे के मामले में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी को भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया।
 
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ऋषिकेश मीणा ने बताया कि मामले में पुलिस की छानबीन जारी है और मजिस्ट्रेटी जांच के बिंदुओं को भी तहकीकात में शामिल किया जाएगा।

 
निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की होगी: मंदिर हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच में दोषी नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा अब तक कोई कार्रवाई न किए जाने के बारे में पूछे जाने पर डीसीपी ने कहा कि हमने संबंधित विभागों को पत्र लिखकर उनसे कुछ जानकारी मांगी है। यह जानकारी मिलने के बाद सबूतों के आधार पर निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
 
एमपी हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में पिछले साल रामनवमी पर हुए भीषण हादसे की अधूरी जांच को लेकर 19 जनवरी को गहरी नाराजगी जताई थी। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया था कि यह जांच हादसे की पहली बरसी से पहले खत्म की जाए।
 
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर का फर्श 30 मार्च 2023 को रामनवमी के हवन-पूजन के दौरान इस तरह धंसा कि बावड़ी में गिरकर 36 लोगों की जान चली गई थी। प्रशासन ने हादसे के 4 दिन बाद 3अप्रैल 2023 को बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्तियां अन्य देवस्थान में पहुंचा दी थीं। इसके बाद आम लोगों की सुरक्षा का हवाला देते हुए बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर को ढहा दिया था। इसके साथ ही भीषण हादसे की गवाह रही बावड़ी को मलबा डालकर हमेशा के लिए बंद कर दिया गया था।(भाषा)(फ़ाइल चित्र)
 
Edited by: Ravindra Gupta