गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025
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भारत की आज़ादी का इतिहास गीत

भारत की आज़ादी का इतिहास गीत - Independence Day
-शकील अख़्तर 
ले तिरंगा हाथों में जय भारत मां हम गाते हैं
भारत के शहीदों की वो गाथा अमर सुनाते हैं
आज़ादी की नई दुनिया में मिलकर कदम बढ़ाते
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
 
मां मेरा तू रंग दे ये बसंती चोला
रंग के जिसमें वीर शिवाजी ने था बंधन खोला
 
वो बग़ावत की ज्वाला जो इंकलाब को लाते हैं
देश पर मर मिटने के वो जौहर याद आते हैं
आज़ादी की नई दुनिया में मिलकर कदम बढ़ाते
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
 
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है
 
वो शहीदों के अरमां वो जज़्बे याद आते हैं
वो तख़्ते फांसी के फंदे आंखों में झूल जाते हैं
आज़ादी की नई दुनिया में मिलकर कदम बढ़ाते
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
 
बस मिटाके रख दूंगा, मैं गुलामी की स्याही
नहीं चलेगी, नहीं चलेगी, भारत में दंडेशाही
 
वो बाल मराठा केसरी, लाल-पाल याद आते हैं
वो गणपति बप्पा के उत्सव जयकारे गूंज जाते हैं
आज़ादी की नई दुनिया में मिलकर कदम बढ़ाते
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
 
कैसे-कैसे भेस बदले, घर छोड़ा फाके डाले
रेलें लूटीं, डाका डाला, बम फिरंगी पे डाले
 
जांनिसार याद आते हैं जो शमशीरें चमकाते हैं
कोहसारों पे बिजली के जो अंगारे बरसाते हैं
आज़ादी की नई दुनिया में मिलकर कदम बढ़ाते
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
 
हम हैं जंग के शोले, दुश्मन से टकराएंगे
लाल क़िले पर जाकर, झंडे हम फहराएंगे
 
आज़ाद हिंद के सेनानी वो फौजी याद आते हैं
वो आशिक़ धरती के शैदा दीवाने याद आते हैं
आज़ादी की नई दुनिया में मिलकर कदम बढ़ाते
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
 
कैसा था वो करिश्मा, इक तिलस्मी मंज़र था
आज़ादी का वो मसीहा, जैसे कोई पयंबर था
 
चुप करते बंदूकों को वो चरखे याद आते हैं
सत्य-अहिंसा के जोगी वो गांधी याद आते हैं
आज़ादी की नई दुनिया में मिलकर कदम बढ़ाते
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
 
बस शहीदों के निशां पर सजदे होंगे
उनकी यादों के मेले दिल में सजते होंगे
 
उन शहीदों की ज्योति पर सर अपने हम झुकाते हैं
भारत के सपूतों की हम अलख वही जगाते हैं
आज़ादी की नई दुनिया में मिलकर कदम बढ़ाते
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...
वंदे मातरम् ... वंदे मातरम् ...