बुधवार, 27 सितम्बर 2023
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खादी के तिरंगे से हो ध्वजारोहण

शनिवार,अगस्त 14, 2010
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इस स्वतंत्र भार‍त में दहेज के लिए नारियों की बली दी जाती हैं उन्हें काटा-मारा, जलाया जाता है। आज जहाँ लड़कियाँ हर मुकाबले में पुरुषों की बराबरी कर रह‍ी हैं तो आज भी कई घर ऐसे हैं जिसमें नारियों की वह बराबरी पुरुषों को, उनके घरवालों को सहन नहीं होती। ...
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क्या वाकई हम आजाद हैं?

गुरुवार,अगस्त 12, 2010
हम समारोह नहीं भी मनाएँगे तो भी इसका कोई विशेष असर देश की सेहत पर नहीं पड़ेगा जितना कि बुरा असर वर्तमान में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में कथित भ्रष्टाचार, जम्मू-कश्मीर की हिंसा, देश में फैल रहे नक्सलवाद और पूर्वोत्तर राज्यों में चल रही नाकेबंदी से पड़ ...
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हम अपने वाहनों पर तिरंगा लहराते हैं, अपने मोबाइल में देशभक्ति की हैलो ट्यून लगवाते हैं, स्क्रीनसेवर, वॉलपेपर,डेस्कटॉप, वेशभूषा सब तो देश के प्यार में रंग होते हैं फिर कैसे मान लें कि हमें इस दिन की परवाह नहीं? हमें देश से प्यार नहीं? देशभक्ति को ...
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भारतीय ध्वज संहिता

सोमवार,अगस्त 9, 2010
भारत का राष्ट्रीय झंडा, भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिरूप है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सभी के मार्गदर्शन और हित के लिए भारतीय ध्वज संहिता-2002 में सभी नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास ...
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पूरा देश 15 अगस्त 1947 को जब आजादी का जश्न मना रहा था। उस समय एक शख्स ऐसा भी था, जो ब्रिटिश शासन की गुलामी से मुक्ति के इस महोत्सव में शामिल नहीं था। वह बडी़ खामोशी के साथ राजधानी दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर कोलकाता में हिन्दुओं और मुसलमानों के ...
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जश्न-ए-आजादी के सिलसिले में लाल किले की प्राचीर से सबसे ज्यादा 17 बार तिरंगा लहराने का अवसर प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को मिला, वहीं उनकी पुत्री इंदिरा गाँधी ने भी राष्ट्रीय राजधानी स्थित सत्रहवीं शताब्दी की इस धरोहर पर 16 बार ...
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मालवीयजी के आग्रह पर जब महात्मा गाँधी बोलने खड़े हुए तो उनके अप्रत्याशित भाषण से सभी अवाक और स्तब्ध रह गए थे। सर्वप्रथम उन्होंने समारोह की कार्रवाई एक विदेशी भाषा अँगरेजी में चलाए जाने पर आपत्ति की और दुख जताया। फिर उन्होंने काशी विश्वविद्यालय मंदिर ...
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