सूरज के रूप में हमें प्रकृति ने भरपूर ऊर्जा प्रदान की है वह भी बिना कौड़ी खर्च के। अतः समय की नाजुकता व माँग को देखते हुए यदि सोलर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग किया जाए तो काफी हद तक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
आज कई बड़े-बड़े शहरों व धार्मिक स्थानों पर जहाँ आए दिन हजारों लाखों लोगों का आवागमन होता है। वहाँ बड़े स्केल पर सोलर संयंत्रों का उपयोग कर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। खाना बनाना, पानी गर्म करना एवं बिजली की चमचमाहट साथ ही एसी-कूलर, सारे कार्य सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित हो रहे हैं।
लेकिन चूँकि शुरुआत में इन संयंत्र को लगाना बहुत महँगा होता है अतः छोटी जगहों पर अभी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। यदि हम बड़े पैमाने की बात ना भी करें तो एक छोटा सोलर लैम्प घर में लगाकर हम थोड़ी बचत तो कर ही सकते हैं और फिर बूँद-बूँद से ही तो घड़ा भरता है।
12 इंच लंबा व 22 इंच (गोलाई) व्यास वाला कंदीलनुमा यह सोलर लैम्प देखने में खूबसूरत, मजबूत और बढ़िया क्वालिटी प्लास्टिक से कवर्ड होता है। यह घर के कमरे को पूर्ण प्रकाशित कर देता है। बीच में 8 वॉल्ट की सीएफएल जो कि सफेद एक्रेलिक के मजबूत प्लास्टिक से ढँकी होती है उसका दूधिया सफेद उजाला मन को शांति व प्रसन्नता प्रदान करता है।
नीचे के भाग में दो बटन होते हैं। एक बटन दबाने से लाल प्रकाश तथा दूसरे से हरा प्रकाश होता है। जो लैंप के चार्ज होने का संकेत देता है। इसके साथ ही 2/3 फुट की एक एल्युमीनियम की प्लेट होती है जो प्रकाश को मैग्नीफाय करती है। इस प्लेट को अपने घर की छत पर सूर्य की तरफ मुँह करके फिट कर दीजिए उसके साथ जो वायर होता है उसका कनेक्शन सोलर लैम्प के साथ होता है।
सुविधानुसार लैम्प को जहाँ भी कमरे में रखना हो वहाँ एक बार उस वायर के प्लग को उसमें लगाकर रिचार्ज कर लें फिर हरी लाइट जलते ही (यानी चार्ज होते है) आप वायर निकालकर लैम्प को कहीं भी ले जाकर रोशनी कर सकते हैं।