गुरुवार, 28 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. होली
  4. Poem on Holi
Written By

Poem on Holi : होली रंग रंगा बरसाना, पग-पग राधा पग-पग कान्हा

Poem on Holi : होली रंग रंगा बरसाना, पग-पग राधा पग-पग कान्हा - Poem on Holi
- कैलाश यादव 'सनातन'
 
 
मीरा के मनभावन माधव, रूक्मा राज किए संग कान्हा,
 
होली रंग रंगा बरसाना, पग-पग राधा पग-पग कान्हा।
 
नीला,पीला, हरा, गुलाबी, सतरंगी अंबर होली का,
 
आओ मिलकर खुशियां बांटें, कष्टों की जल जाए होलिका।
 
जिनकी सजनी छूट गई है, हर होली उनकी बदरंगी,
 
जिनकी सजनी रूठ गई है, होली उन बिछुड़ों की संगी।
 
पग-पग नफरत, पग-पग विषधर,
 
आस्तीन नहीं है जिनकी, उनको भी डस लेते विषधर,
 
आओ मिलकर प्रेमरंग से, सबके मन का जहर बुझाए
 
अमृत भर दें नख से शिख तक, हर चेहरे पर रंगत लाएं,
 
कष्ट मिटाएं मानवता का, आओ गीत फाग के गाएं
 
मिलजुल कर हर चौराहे, रंगों का यह पर्व मनाएं॥
 
कहीं पे राधा,कहीं पे मीरा, कहीं पे रूक्मा मिलती है,
 
होली की है छटा निराली, हमको हर घर मिले हैं कान्हा,
 
मीरा के मनभावन माधव, रूक्मा राज किए संग कान्हा,
 
होली रंग रंगा बरसाना, पग-पग राधा पग-पग कान्हा।

Holi 2020
ये भी पढ़ें
यकीन मानिए वो हम ही हैं, जो सबकुछ कर सकती हैं... सृजन भी, विध्वंस भी