अनिरुद्ध जोशी|
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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020 (11:10 IST)
उन्होंने कहा था कि कोई भी काम एक दिन में नहीं सफल होता। काम एक पेड़ की तरह होता है। पहले उसकी आत्मा में एक बीज बोया जाता है, हिम्मत की खाद से उसे पोषित किया जाता है और मेहनत के पानी से उसे सींचा जाता है, तब जाकर सालों के बाद वह फल देने लायक होता है। सफलता के लिए इंतजार करना आना चाहिए। पौधे से फल की इच्छा रखना मूर्खता से अधिक कुछ भी नहीं।