स्त्री प्यार देती है माँगती नहीं वह शायद जानती है माँगने से प्यार होता है छोटा और उसकी खूबसूरती नष्ट होती है देने से प्यार होता है पल्लवित और उम्र अनंत पुरुष न प्यार माँगता है न देने में रखता है यकीन वह शायद मानता है माँगने में निहित है हेठी देने से खर्च होता है दुनियादारी के लिए सुरक्षित प्यार का भंडार।