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खौफनाक ये मंजर देख
सतीश गुप्ता खौफनाक ये मंजर देख,आर-पार है खंजर देखकतरे-कतरे को तरसा है,प्यासा एक समंदर देखमंदिर-मस्जिद गुरुद्वारे में,रंग-बिरंगे पत्थर देखगोली, बर्छी, भाले, कर्फ्यू,हैवानों का लश्कर देखधूप छुपी बादल के डर से,मौसम के ये तेवर देख
आस्तीन में रहते हैं ये,सांप, संपोले, अजगर देखजिसको देख कबीरा रोया,हालत ऐसी बदतर देखआजादी को गिरवी रख देंसत्ता के सौदागर देख । साभार : कथाबिंब