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ताजा कविता : शिव को कौन रख सका बंदी, परम भक्त गण नंदी

ताजा कविता : शिव को कौन रख सका बंदी, परम भक्त गण नंदी - poem on latest issue gyanvapi masjid
शिव को कौन रख सका बंदी?
देख रहा परमभक्त गण नंदी.....!!!
 
समाधिस्थ शंकर हो गए जागृत,
रूद्रवीणा, डमरू, मृदंग झंकृत।
अब हुआ, नंदी प्रतीक्षा का अंत,
विस्मृत प्रयास विफल, सर्वस्मृत।।
शिव.....परमभक्त गण नंदी.....!!!
 
जो,जिसका हिस्सा, उसने पाया,
असत्य, बस है चार दिन की माया।
सत्यम्, सुंदरम्, शिवत्व का साया
ज्ञानप्रकाश अब भक्तों पर छाया।।
शिव.....परमभक्त गण नंदी.....!!!
 
सनातन ज्ञान व्यापी है चहुँओर,
उल्लासित  होकर आई नवभोर।
उमंगित अवनि से अंबर के छोर,
गूँजता हर-हर महादेव का शोर।।
शिव को कौन रख सका बंदी?
देख रहा परमभक्त गण नंदी.....!!!
 
 
 
सपना सी.पी.साहू "स्वप्निल"
इंदौर (म.प्र.)