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Written By WD

International Men's Day 2019 : अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस क्यों मनाएं

International Men's Day 2019 : अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस क्यों मनाएं - International Men's Day 2019
वेबदुनिया डेस्क 

8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आता है यह तो सबको पता है लेकिन क्या अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के बारे में आप कुछ जानते हैं? वास्तव में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस(International Men's Day) हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। 
 
यह विडंबना है कि हमारी संस्कृति और प्रकृति ने पुरुष को कठोर और दमनवादी तथा स्त्री को कमजोर और पीड़िता मान लिया है। कुछ हद तक इस तथ्य को झुठलाया नहीं जा सकता लेकिन यह अधूरा सच है। वास्तव में इंसान अच्छा या बुरा होता है स्त्री या पुरुष नहीं। कोई स्त्री भी क्रूर, जाहिल और अपराधी प्रवृत्ति की हो सकती है अगर उसे वैसा ही परिवेश मिला हो और एक पुरुष भी संवेदनशील और समझदार हो सकता है अगर उसे अपने परिवार में संस्कार और अच्छी सीख मिली हो या जैसा उसने अपने परिवार में वातावरण देखा हो। 
 
अपने पति, भाई, पिता, और अन्य रिश्तों में बंधे पुरुषों का मूल्यांकन करें आप पाएंगे कि वे आपके लिए कितने केयरिंग और इमोशनल होते हैं। हो सकता है किन्हीं कारणों ने चलते वे आपको बता न सके या उनकी अभिव्यक्ति इतनी समर्थ न हो पर सच यही है कि आज भी बेटी के प्रति पिता, प्रेमिका के लिए प्रेमी, बहन के लिए भाई और पत्नी के लिए पति आपको विशेष संवेदनशील और भावुक नजर आ जाएंगे। 
 
अपने घर के पुरुषों को समझने का प्रयास करें, वे घर परिवार के लिए रिश्तों को जोड़े रखने के लिए कितनी मेहनत करते हैं। घर से बाहर जाकर अधिकाधिक पैसा कमाने की कोशिश वे सिर्फ अपने लिए ही तो नहीं करते। उन्हें परिवार चांहए, खुशी और मानस की शांति चाहिए। बच्चों की तरक्की में पैसा रूकावट न बने यह विचार उनकी भीतर लगातार सांस लेता है इसलिए वे लगातार लगे रहते हैं। 
 
 व र्तमान में 80 देशों में 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और इसे युनेस्को का भी समर्थन प्राप्त है। इस बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम है, "मेकिंग अ डिफरेंस फॉर मेन एंड बॉयज। 
 
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस, 19 नवंबर को मनाया जाने वाला एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत 7 फरवरी 1992 को थॉमस ऑस्टर द्वारा की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की परियोजना की कल्पना एक साल पहले 8 फरवरी 1991 को की गई थी। इसके बाद 1999 में इस परियोजना को त्रिनिदाद और टोबैगो में फिर से शुरू किया गया। 
 
1923 में कई पुरुषों द्वारा 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने की मांग की गई थी। इसके चलते पुरुषों ने आंदोलन भी किया था। उस वक्त पुरुषों ने 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग की थी। इसके बाद 1968 में अमेरिकन जर्नलिस्ट जॉन पी. हैरिस के एक आलेख के बाद तय किया गया कि 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाए।

फिर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों द्वारा पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया।
 
 एक तथ्य यह भी सामने आता है कि डॉ. जीरोम तिलकसिंह ने जीवन में पुरुषों के योगदान को एक नाम देने का बीड़ा उठाया था। उनके पिता के बर्थडे के दिन विश्व पुरुष दिवस मनाया जाता है। धीरे धीरे दुनियाभर में इसे 19 नवंबर को मनाया जाने लगा। 
 
भारत ने साल 2007 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया। इसके बाद से ही भारत में हर साल 19 नंवबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। 
 
इन दिनों अपराध के बढ़ते आंकड़ों में अब सिर्फ पुरुष वर्ग ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि बराबरी से स्त्री भी शामिल हो रही है लेकिन यह भी क्या बात हुई कि महिला दिवस मनाना है तो पुरुषों को नीचा दिखाया जाए और पुरुषों का दिवस मनाया जाए तो स्त्री की कमियां देखी जाए।

क्यों न इंसानियत का पाठ पढ़ें और सृष्टि के निर्वाह के लिए दोनों का समान रूप से सम्मान करें। मत पूछिए कि अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस क्यों मनाएं, अपने अपनों की खुशी के लिए खुशी देना सीखें अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पूरे मनोयोग से मनाएं। 
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