प्रेमिका, अपने मनचले प्रेमी से - ना पिताजी की मार से, .ना मां की फटकार से, ना जूतों की बौछार से, तुम्हारे जैसे लोग सुधरेंगे रक्षाबंधन के त्योहार से...