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बंद कीजिए हिन्दी से मनमाना बर्ताव
मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
दोस्तो, हमने अक्सर यह देखा है कि लोग कंप्यूटर पर हिन्दी में टाइप करने में केवल इसलिए डरते हैं क्योंकि उन्हें यह एक कठिन काम लगता है। वे मानते हैं कि इसके लिए उन्हें नए सॉफ्टवेयर खरीदने होंगे या विशेष किस्म का प्रशिक्षण लेना होगा। जबकि वास्तविकता यह ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
वैसे तो मोबाइल हैंडसेटों के हिन्दीकरण के लिए मैं लंबे समय से कार्य कर रहा हूँ लेकिन वास्तविक खुशी मुझे तब होती है जब मैं अपने गाँव के बमुश्किल पढ़ पाने वाले लोगों को हिन्दी भाषा में सरपट मोबाइल चलाते देखता हूँ। किसी मित्र का नंबर सेव करने से लेकर ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
दूरसंचार के क्षेत्र में जिस तरह की क्रांति मोबाइल के आने से हुई लगभग उसी तरह की क्रांति इंटरनेट की दुनिया में ब्लॉग, यानी इंटरनेट पर आपके निजी ठिकाने, के आने से हुई। इसकी सफलता के पीछे दो प्रमुख कारण हैं जिनमें पहला तो यह कि ब्लॉगों की शुरूआत से ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
पिछली सदी के अंत में यूनीकोड के आगमन के साथ ही कंप्यूटर से अंग्रेजीभाषी होने का ठप्पा हटने लगा था, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अपने लोकप्रिय सॉफ्टवेयर ऑफिस 2003 का हिन्दी संस्करण प्रस्तुत करके तहलका मचा दिया। जो कंप्यूटर पढ़े-लिखे लोगों का ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
वायरलेस इंटरनेट और हर भाषा में कंप्यूटर व मोबाइल की पहुँच बढ़ने के साथ ही लोगों को संवाद के नए और बेहतर साधन भी तेजी से मुहैया होते जा रहे हैं। वे दिन अब लद गए जब एक-दूसरे के हाल जानने के लिए हम फोन और चिट्ठियों पर निर्भर थे। अब लोगों के पास ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
इंटरनेट पर स्थानीय भाषाओं की उपलब्धता से सरकारों को भी जन सामान्य को बेहतर सेवाएँ देने में आसानी हुई है। सरकारी दफ्तरों के कामकाज का तरीका धीरे-धीरे बदल रहा है और वे अपनी सेवाओं को लोगों तक पहुँचाने में इंटरनेट का उपयोग करने में अधिक रुचि ले रहे ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
इंटरनेट की बढ़ती उपयोगिता ने सामाजिक संबंधों को भी एक नया आयाम दिया है। सूचना के इस महाजाल से सिमटती दुनिया में लोगों को उनके मित्रों और रिश्तेदारों की गतिविधियों से अपडेट रखने में सामाजिक नेटवर्किंग साइटें बहुत लोकप्रिय हो रही हैं और ये आपकी अपनी ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
हिन्दी में ई-लर्निंग के बढ़ते साधनों से अब सीखना-सिखाना और भी आसान हो गया है। स्कूल, कॉलेज, दफ्तर हो या घर, इन नए साधनों से लोग सीखने या अपने कौशल को बेहतर बनाने में मदद ले रहे हैं।
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
बेहतर होते संचार साधनों ने परंपरागत भाषाई मीडिया को भी अपनी पहुँच बढ़ाने में मदद की है। पाठक तक अखबार का पहुँचना अब छपी हुई प्रति के पहुँचने जैसा नहीं रहा है। आप अपना मनपसंद अखबार दुनिया के किसी भी कोने से पढ़ सकते हैं, बिना इस बात की चिंता किए कि ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
भारत की आबादी में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है। बार-बार कहा जाता है कि भारत के युवा ही देश की दिशा व दशा तय करेंगे। लेकिन यदि हिन्दी भाषी देश में रहने वाले इन्हीं युवाओं के हिन्दी-ज्ञान की बात की जाए तो जानकर बेहद अचरज होता है कि अधिकतर युवाओं को ...
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मंगलवार,सितम्बर 14, 2010
हिन्दी भाषा 'इंडो यूरोपियन' परिवार से संबंध रखती है। इसकी शाखा 'इंडिक' है। इस भाषा के उद्गम का महाद्वीप 'एशिया' व देश 'भारत' है। भारत देश में हिन्दी भाषा को अधिकृत रुप से उपयोग किया जाता है।
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सोमवार,सितम्बर 13, 2010
भाषाओं के उद्यान में हिन्दी ऐसा पुष्प है जो माधुर्य, सौंदर्य और सुगंध से भरपूर है। माधुर्य के कारण हिन्दी मिष्ट है। सौंदर्य के कारण हिन्दी शिष्ट है। सुगंध के कारण हिन्दी विशिष्ट है। माधुर्य, हिन्दी का शिवम् है। सौंदर्य, हिन्दी का सुंदरम् है। ...
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सोमवार,सितम्बर 13, 2010
किसी भी भाषा का विस्तार, उसका लगातार समृद्ध होना एवं उस भाषा के शब्दकोष का विराटतर होते जाना एक सतत् प्रक्रिया है, जो वर्षों, सदियों तक चलती है। इसमें हिन्दी या अँगरेजी भी कोई अपवाद नहीं है, परंतु उपरोक्त उदाहरण हमारे सामने एक गंभीर प्रश्न खड़ा करते ...
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सोमवार,सितम्बर 13, 2010
हर साल हिन्दी दिवस आता है, चला जाता है। हर साल सरकारी दफ्तरों में,स्वायत्त संस्थाओं में हिन्दी को लेकर कुछ सभाएँ हो जाती हैं। बैंकों में कुछ बातें हो जाती हैं। पब्लिक सेक्टर संस्थानों में कुछ हिन्दी-हरकत हो जाती है। कवि सम्मेलन टाइप कुछ हो जाता है। ...
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