एक उम्मीद और: पर्यावरण के प्रति
राजकमल प्रकाशन
पुस्तक के बारे में पुनर्जन्म की अवधारणाओं पर आधारित है अभिमन्यु अनत का उपन्यास - एक उम्मीद और। इस उपन्यास का नैरेटर है - गर्भस्थ शिशु। उपन्यास का मूल उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। समकालीन जीवन में बन रहे सामाजिक एवं प्राकृतिक पर्यावरण के प्रदूषण पर उपन्यास में सार्थक चिंता है और उससे निजात पाने के सार्थक संकेत भी।पुस्तक के चुनिंदा अंश '
मैं जीवों के साथ धरती पर इसलिए रहता हूँ कि वे सुंदर है और सुखद धरती को और भी सुंदर और सुखद बना सकें। कुछ ही लोग अपने इस कर्तव्य का पालन कर पाते हैं। समय के साथ यह संख्या और भी कम होती जा रही है। मैं तुम्हें अवसर दे रहा हूँ कि तुम अपने पिछले जीवन की भूलों को माँ के पेट में ही स्वीकार कर लो और नए जीवन में उन भूलों को सुधारने का प्रण बना लो।'****** बस, जिस दिन पुष्पा चाची से तुम्हारे सरकारी विवाह और दो बेटियों की जानकारी मिली, मैंने तुम्हें हमेशा के लिए अपने मन-मस्तिष्क से बाहर कर दिया। फिर तो दूसरे ही साल बाद मेरे जीवन में मेरी खुशियों को वापस लाने वाला आ गया। कुछ ही दिनों में मैं उसके बच्चे की माँ बनने जा रही हूँ।****** हम जहाँ थे वहाँ से 80 किलोमीटर दूर हमें झेलम के तट पर जाना था। वहाँ के एक इबादतगाह में एक मातमी -इजलास के दौरान हमें हिन्दुस्तानी जासूसों के पते मिलने वाले थे। ये वे कश्मीरी गद्दार थे जिन्होंने हिन्दुस्तानी खुफिया विभाग को कारगिल की हमारी कई योजनाओं की सूचनाएँ पहुँचाईं। *****समीक्षकीय टिप्पणी यह उपन्यास इंसानियत की उम्मीद की कोंपल के खिलने की दास्तान है जो अपनी रचनात्मक विशिष्टता और सहज प्रवाह के कारण न केवल पठनीय संवेदना को स्पंदित करता है बल्कि वैचारिक उत्तेजना को भी नया आयाम प्रदान करता है।पुस्तक : एक उम्मीद और लेखक : अभिमन्यु अनत प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन पृष्ठ : 128 मू्ल्य : 150 रुपए