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  4. Sleeping with music side effects Disadvantages of sleeping with earphones
Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 16 मई 2025 (19:34 IST)

सोते समय म्यूजिक सुनना हो सकता है बेहद खतरनाक, जानिए इससे होने वाले 7 बड़े नुकसान

Sleeping with music side effects
Sleeping with music side effects: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोग दिनभर की थकान मिटाने के लिए रात को गाने सुनना पसंद करते हैं। कुछ लोगों के लिए यह सोने का सबसे सुकून भरा तरीका है, तो कुछ के लिए यह एक आदत बन चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रात में हेडफोन या ईयरफोन लगाकर गाने सुनते हुए सोने से आपके शरीर और दिमाग पर क्या असर होता है? यह आदत धीरे-धीरे आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि यह आदत क्यों खतरनाक है और इससे कैसे बचा जाए।
 
1. नींद की गुणवत्ता पर असर डालता है
गाने सुनते-सुनते सोने से आपका दिमाग पूरी तरह से रिलैक्स नहीं हो पाता।
जब हम सोते हैं, तो हमारा मस्तिष्क एक खास नींद की अवस्था में जाता है जिसे ‘डीप स्लीप’ कहा जाता है। लेकिन अगर इस दौरान कोई म्यूज़िक लगातार चल रहा है, तो दिमाग उन साउंड वेव्स को प्रोसेस करता रहता है। इससे नींद की गहराई कम हो जाती है, बार-बार नींद टूट सकती है और सुबह उठने पर थकान महसूस होती है।
 
2. कानों की सेहत पर पड़ता है बुरा असर
हर रात कान में ईयरफोन या हेडफोन लगाकर सोना कानों के लिए बहुत हानिकारक है।
ईयरफोन से निकलने वाली लगातार साउंड वाइब्रेशन कान की नसों और ड्रम को प्रभावित करती है। इससे सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो सकती है, जिसे ‘Noise-Induced Hearing Loss’ कहते हैं। इसके अलावा लंबे समय तक ईयरफोन पहनने से कान में संक्रमण, खुजली या जलन की समस्या भी हो सकती है।
 
3. ब्रेन पर मानसिक तनाव का असर
गाने की बीट्स, लिरिक्स और वॉल्यूम मस्तिष्क को पूरी तरह शांत नहीं होने देती।
अगर आप रोज़ाना रात को सोते समय हार्ड बीट्स या तेज़ म्यूज़िक सुनते हैं, तो यह दिमाग को रिलैक्स करने की बजाय एक्टिव बनाए रखता है। इसका असर यह होता है कि सोते समय भी दिमाग काम करता रहता है, जिससे आप पूरी तरह से आराम नहीं कर पाते। यह मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन और एंग्ज़ायटी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
 
4. नींद में डिवाइस की उपस्थिति: EMF रेडिएशन का खतरा
सोते समय मोबाइल या ब्लूटूथ डिवाइस को पास में रखना इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF) रेडिएशन के खतरे को बढ़ाता है। यह रेडिएशन धीरे-धीरे ब्रेन सेल्स को प्रभावित करता है। कई रिसर्च में यह पाया गया है कि सोते समय स्मार्टफोन का नज़दीक होना मेलाटोनिन (Melatonin) हार्मोन को घटा सकता है, जो गहरी नींद के लिए ज़रूरी है। इस वजह से आपकी बॉडी की नेचुरल स्लीप साइकल बिगड़ सकती है।
 
5. नींद में अचानक डर या चौकना
कभी-कभी गाने के बीच में अचानक तेज़ आवाज़, बीप या लिरिक्स के कारण व्यक्ति नींद में डरकर जाग सकता है। यह स्लीप डिसऑर्डर जैसी स्थिति पैदा कर सकता है। खासकर बच्चों या कमजोर दिल वाले लोगों के लिए यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है। नींद में बार-बार चौकना नींद की क्वालिटी को बुरी तरह खराब कर देता है।
 
6. ब्लूटूथ डिवाइस से संभावित जोखिम
जो लोग सोने से पहले ब्लूटूथ हेडफोन का उपयोग करते हैं, उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि लंबे समय तक ब्लूटूथ एक्सपोज़र से मस्तिष्क पर थर्मल प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि इस पर अभी रिसर्च जारी है, लेकिन कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ब्लूटूथ डिवाइस को ज्यादा देर तक सिर के पास रखने से मना करते हैं, खासकर जब आप सो रहे हों। 


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