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लैक्टोज इंटॉलरेंस लोगों के लिए यह फायदेमंद है।
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हड्डियों की कमजोरी के लिए आलू का दूध लाभकारी है।
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पोटैटो मिल्क में डेयरी मिल्क के मुकाबले कम कैलोरी होती है।
दूध का सेवन तो हम सदियों से करते आ रहे हैं और यह सेहत के लिए बहुत लाभकारी भी होता है। लेकिन क्या आपने कभी Potato Milk के बारे में सुना है? हां, आपने सही सुना। अब आप आलू से भी दूध निकाल सकते हैं! यह न केवल अद्भुत है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
पोटैटो मिल्क क्या है?
पोटैटो मिल्क दरअसल आलू का दूध होता है जो वास्तव में आलू से बना होता है। यह आलू को पानी में उबालकर और फिर उसे मिल्क की तरह पीसकर तैयार किया जाता है। इसमें कोई डेयरी के उत्पाद नहीं होता है, और न ही किसी पशुओं के साथ कोई लेन-देन होता है। यानी आप इसे vegan food भी कह सकते हैं।
पोटैटो मिल्क के फायदे | Potato Milk Health Benefits
1. डेयरी मुक्तता : कई लोग हैं जो दूध या दूध के उत्पादों को पच नहीं पाते हैं, जिसका कारण लैक्टोज इंटॉलरेंस या ग्लूटेन संवेदनशीलता हो सकता है। पोटैटो मिल्क उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो डेयरी उत्पादों को सही से पच नहीं पाते।
2. हड्डियों को बनाए मजबूत : आजकल, हड्डियों की कमजोरी एक सामान्य समस्या बन गई है। इस समस्या से छोटे और बड़े दोनों ही परेशान हैं। हड्डियों की कमजोरी से बचने के लिए आलू का दूध सेवन करना आवश्यक है। आलू के दूध में कैल्शियम की अधिकता होती है, जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है। इसका सेवन करने से बच्चों की सेहत भी बनी रहती है।
3. पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत : पोटैटो मिल्क में फोलेट, विटामिन सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम, और विटामिन बी6 जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये सभी तत्व हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
4. लो-कैलोरी : पोटैटो मिल्क डेयरी मिल्क के मुकाबले कम कैलोरी में होता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिल सकती है। इसलिए वे लोग भी इसका आनंद उठा सकते हैं जो वजन को कम करने के लिए प्रयासरत हैं।
5. कोलेस्ट्रॉल फ्री : आलू का दूध फैट फ्री और कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है, जिस कारण यह हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम होता है। नियमित रूप से इसका सेवन करना शरीर को अन्य लाभ भी प्रदान करता है।
पोटैटो मिल्क डेयरी के उत्पादों की बजाय उन लोगों के लिए हेल्दी हो सकता है जो डेयरी उत्पादों को पचा नहीं पाते हैं। यह व्यक्तिगत स्वास्थ्य और पर्यावरणीय उत्थान का भी ध्यान रखता है। इसका सेवन मात्रात्मक रूप से सुरक्षित है, लेकिन आलू की एलर्जी और अन्य संभावित संक्षेप ध्यान में रखा जाना चाहिए।
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