Melatonin Foods For Sleep Insomnia : क्या आपको रातभर करवटें बदलनी पड़ती हैं? या फिर नींद आती भी है तो बार-बार टूट जाती है? अगर हां, तो इसकी वजह हो सकती है मेलाटोनिन हार्मोन की कमी। मेलाटोनिन, जिसे 'नींद का हार्मोन' भी कहा जाता है, हमारे शरीर में नींद और जागने के चक्र को नियंत्रित करता है। इसकी कमी से न केवल नींद पर असर पड़ता है, बल्कि यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं, मेलाटोनिन की कमी से क्या होता है, इसके लक्षण, कारण और कौन से फूड्स इसके स्तर को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं।
मेलाटोनिन क्या है और क्यों है जरूरी : मेलाटोनिन एक प्राकृतिक हार्मोन है, जो हमारे मस्तिष्क के पीनियल ग्रंथि (Pineal Gland) द्वारा निर्मित होता है। यह हार्मोन शरीर की आंतरिक घड़ी (सर्केडियन रिदम) को नियंत्रित करता है और हमें सोने और जागने का संकेत देता है। जब सूरज ढलता है और अंधेरा होता है, तब मेलाटोनिन का स्तर बढ़ता है, जिससे हमें नींद आने लगती है। वहीं, सुबह की रोशनी के संपर्क में आते ही इसका स्तर घटने लगता है, जिससे हम जाग जाते हैं। लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, देर रात तक स्क्रीन के सामने समय बिताना, तनाव और अनुचित खानपान की वजह से मेलाटोनिन का स्तर असंतुलित हो सकता है, जिससे अनिद्रा (Insomnia) की समस्या हो सकती है।
मेलाटोनिन की कमी के लक्षण
मेलाटोनिन की कमी के कई लक्षण हो सकते हैं, जो न केवल नींद को प्रभावित करते हैं बल्कि दिनभर की ऊर्जा और मूड पर भी असर डालते हैं। कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
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नींद नहीं आना (Insomnia): बार-बार नींद टूटना या गहरी नींद न आना।
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थकान और ऊर्जा की कमी: सुबह उठने के बाद भी थकान महसूस होना।
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मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन: मेलाटोनिन की कमी से मूड में अस्थिरता और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
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तनाव और चिंता (Anxiety): यह हार्मोन मानसिक शांति को भी नियंत्रित करता है, इसकी कमी से तनाव और चिंता बढ़ सकती है।
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ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई: थकान और नींद की कमी से एकाग्रता में कमी आती है।
मेलाटोनिन की कमी के कारण
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स्क्रीन टाइम (Screen Time): मोबाइल, लैपटॉप, और टीवी की ब्लू लाइट मेलाटोनिन के उत्पादन को बाधित करती है।
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तनाव और चिंता (Stress and Anxiety): ज्यादा तनाव मेलाटोनिन के स्तर को कम कर सकता है।
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अनियमित जीवनशैली: देर रात तक जागना, अनियमित सोने का समय, और कैफीन या एल्कोहल का अत्यधिक सेवन भी इसका कारण हो सकता है।
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पोषक तत्वों की कमी: खासकर ट्रिप्टोफैन, विटामिन B6 और मैग्नीशियम की कमी मेलाटोनिन को प्रभावित करती है।
मेलाटोनिन बढ़ाने वाले असरदार फूड्स
1. चेरी (Cherry) : चेरी विशेष रूप से टार्ट चेरी, मेलाटोनिन का प्राकृतिक स्रोत है। इसमें मौजूद मेलाटोनिन की मात्रा नींद की गुणवत्ता में सुधार करती है।
कैसे खाएं: सोने से पहले एक गिलास टार्ट चेरी जूस पिएं।
2. केला (Banana) : केले में ट्रिप्टोफैन, पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है, जो मांसपेशियों को आराम देकर अच्छी नींद लाने में मदद करता है।
कैसे खाएं: सोने से एक घंटे पहले केला खा सकते हैं।
3. दूध (Milk) : दूध में ट्रिप्टोफैन और कैल्शियम होता है, जो मेलाटोनिन के उत्पादन में सहायक होता है।
कैसे पिएं: हल्का गुनगुना दूध पीना नींद को बढ़ावा देता है।
4. नट्स (Nuts) : अखरोट और बादाम में मेलाटोनिन और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो अच्छी नींद के लिए जरूरी है।
कैसे खाएं: सोने से पहले मुट्ठीभर नट्स खा सकते हैं।
5. ओटमील (Oatmeal) : ओट्स में मेलाटोनिन और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो इंसुलिन को बढ़ाकर ट्रिप्टोफैन को दिमाग तक पहुंचाने में मदद करते हैं।
कैसे खाएं: रात के खाने में ओटमील को शामिल करें।
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