वायु प्रदूषण से 1.5 साल कम हुई जीवन प्रत्याशा, विश्व में 9 पायदान पर भारत
बदलते दौर में लाइफ एक्सपेक्टेंसी यानी जीवन प्रत्याशा कम होने लगी है और 60 से भी कम उम्र में मृत्यु हो रही है। कम उम्र में मृत्यु होने के कई सारे कारण है जिसमें प्रमुख रूप से कैंसर, हार्ट अटैक और वायु प्रदूषण है। क्रिकेट के दिग्गज शेन वॉर्न की 52 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत हो गई। हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की गई जिसमें कहा गया कि देश के कुछ हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ संगठन के मानों से अधिक है। एक वैश्विक रिपोर्ट में यह बात कही गई। जिस वजह से भारत में लाइफ एक्सपेक्टेंसी लगभग 1.5 वर्ष से भी कम हो गई है।
हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (HII) द्वारा वार्षिक स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर नाम की रिपोर्ट जारी की गई है। इस स्टडी में सामने आया कि 2019 में 9 लाख 79 हजार 700 को मौत का जिम्मेदार माना जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार WHO के पैमाने पर पर्टीकुलेट मेटर (PM)का स्तर 2.5 से अधिक है। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि वायु प्रदूषण दुनियाभर में मौतों और विकलांगता के लिए प्रमुख कारण है।
9वें पायदान पर भारत
दरअसल, विश्व स्वास्थ संगठन के मानकों के मुताबिक भारत नौंवे पायदान पर है और दसवें पायदान पर चीन है। इससे पहले आठ देश कुछ इस प्रकार से हैं - कांगो, इथियोपिया, जर्मनी, बांग्लादेश, नाइजीरिया, पाकिस्तान, ईरान और तुर्की।
कहां कितनी कम हुई जीवन प्रत्याशा
मिस्र (2.11 वर्ष), सऊदी अरब (1.91 वर्ष), भारत (1.51 वर्ष) चीन (1.32 वर्ष) और पाकिस्तान (1.31 वर्ष)।