दिन में 45 मिनट भी किया क्रिएटिव काम, तो सेहत को होंगे 5 फायदे
अगर हर बात में तनाव लेना आपकी आदत में शुमार है और तनाव आपके जीवन का हिस्सा बन चुका है, तो आपको जरूरत है कला की। जी हां, कलात्मकता आपको तनाव से बचा सकती है, साथ ही खुशी और सकारात्मकता दे सकती है। यह बात सिर्फ हम ही नहीं कहते बल्कि शोध में भी साबित हो चुकी है।
एक शोध के अनुसार अगर आप अपने दिन का सिर्फ पौन घंटा यानि 45 मिनट का समय किसी कलाकृति को बनाने या सजाने में खर्च करते हैं, तो आप अपने तनाव को कम कर रहे होते हैं। यह कलात्मकता कुछ भी हो सकती है जो आपकी हॉबी हो जैसे पेंटिंग, नृत्य, लेखन, गायक, क्राफ्ट आदि। यह सिर्फ आंकड़ों पर आधारित नहीं है बल्कि आप खुद इसे अपने अंदर महसूस कर सकते हैं।
शोध के अनुसार 45 मिनट तक कोई कलाकृति बनाने के बाद व्यक्ति के शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तरक कम हो जाता है, जो प्रमुख रूप से एक स्ट्रेस हार्मोन है। तनाव से मुक्ति के लिए आप कलात्मकता का सहारा ले सकते हैं। जरूरी नहीं है कि आप इसमें निपुण हों, बल्कि सिर्फ अपनी दिलचस्पी के अनुरूप आप इसे कर सकते हैं। कलात्मकता कई तरह से आपके तनाव पर प्रभाव डालती है। इसके कई फायदे हैं जैसे -
1 जब भी आप किसी कलाकृति को बना रहे होते हैं या पसंदीदा कलात्म काम कर रहे होते हैं, तो आपका ध्यान तनाव से हट जाता है और अंतत: आप खुद को स्पष्ट और शांत पाते हैं जिससे निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है।
2 कलाकृति बनाने व कलात्म काम करने से शरीर में 'फील गुड' न्यूरोट्रांसमिटर डोपामीन का स्तर बढ़ जाता है। ऐसा होने पर आप तनाव भूलकर अच्छा, खुश-खुश और सुकून महसूस करते हैं।
3 कलाकृति को बनाने व कलात्म काम में जब आप पूरी तरह से डूब जाते हैं तो यह अवस्था बिल्कुल ध्यान की तरह होती है। इस प्रकार आप वैसे ही फायदे पाते हैं जैसा आप ध्यान लगाने के बाद महसूस करते हैं।
4 कला के जरिए आपका मनोवैज्ञानिक लचीलापन बढ़ जाता है और तनाव के प्रति प्रतिरोध बढ़ता है, जिससे आप हल्का महसूस करते हैं।
5 कई बार आपके अंदर कोई दबी हुई बात आपको तनाव देती है, ऐसे में कला एक बेहतर माध्यम होता है खुद को अभिव्यक्त करने का। ऐसा करने पर आप हल्का महसूस करते हैं।