कैंसर : मृत्यु का सबसे बड़ा कारण
कैंसर के सौ से भी अधिक प्रकार
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डॉ. सुधीर बहादुर विश्व भर में हर आठ में से एक व्यक्ति की मृत्यु कैंसर के कारण होती है। कैंसर से मरने वालों की संख्या एड्स, टीबी और मलेरिया से मरने वाले कुल मरीजों से अधिक है। दुनिया भर में हृदय रोगों के बाद कैंसर ही मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। तंबाकू चबाना, सिगरेट, सैच्युरेटेड फैट से भरपूर आहार लेना, शराबखोरी, शारीरिक श्रम का अभाव, जैसी अस्वास्थकर आदतें लोगों को कैंसर की ओर धकेल रही हैं। कैंसर के सौ से भी अधिक प्रकार हैं। हरेक प्रकार दूसरे से अलग होता है, सभी के कारण, लक्षण और उपचार भी अलग-अलग होते हैं। कुछ प्रकार के कैंसर आम हैं जैसे स्तन, सर्वाइकल और फेंफड़ों का कैंसर। सिर और गर्दन के कैंसर : हर समय बने रहने वाला दर्द, छाला, जुबान में सुन्नपन, जबड़े में सूजन जैसे मामूली लगने वाले लक्षणों के साथ सिर और गले के कैंसर की शुरुआत होती है। इन्हें लोग आसानी से नजरअंदाज कर देते हैं। अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है कि इस तरह की छोटी-मोटी तकलीफें कैंसर की शुरुआत भी हो सकती हैं।
शुरुआत भले ही मामूली तकलीफों से हो लेकिन यह कैंसर बहुत गंभीर होता है। विश्व भर में यह छठा सबसे आम प्रकार का कैंसर है। केवल भारत में हर साल इसके 2 लाख से भी अधिक नए मरीज सामने आते हैं यानी विश्व के एक तिहाई पीड़ित हमारे देश में ही हैं। विभिन्न रूपों में मिलन वाले तंबाकू का प्रचुर मात्रा में सेवन इसका मुख्य कारण है। ओरल, सिर और गले के कैंसर एक संयुक्त टर्म है जो सिर और गले के हिस्सों में होने वाले कैंसर के लिए उपयोग में ली जाती है। होंठ, मुख और लार ग्रंथी, साइनस और आहार नलिका आदि का कैंसर इसमें शामिल है।लक्षण...-
ठीक न होने वाली गांठ या दर्द, छाला।-
गले में खराश जो इलाज के बावजूद ठीक न हो। -
आवाज का कर्कश होना।-
खाना निगलने में तकलीफ होना।इन स्थितियों पर भी ध्यान दें...
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मुख : मसूड़ों, जीभ या मुंह के अंदर सफेद या लाल चकत्ता, जबड़ों में सूजन, मुंह में असामान्य रक्तस्त्राव या दर्द होना।-
नाक : साइनस की तकलीफ का लंबे समय तक बने रहना, साइनस का गंभीर संक्रमण जिस पर एंटीबायोटिक उपचार का कोई असर न हो, नाक से खून बहना, बार बार सिर में दर्द होना, आंखों में सूजन या कोई और तकलीफ, ऊपर के दांतों में दर्द। -
थूक ग्रंथी : ठोड़ी के निचले हिस्से या जबड़े के आस-पास सूजन, चेहरे की मांसपेशियों में सुन्नपन, चेहरे, ठोड़ी और गले में लगातार होने वाला दर्द।-
सांस लेने या बोलने में तकलीफ होना, बार-बार सिरदर्द होना, कानों में दर्द होना, सीटियां बजना, बहरापन।-
खाना निगलते समय गले में या आस-पास दर्द, कानों में दर्द होना। -
गले में या गर्दन में लगातार होने वाला दर्द।-
ये लक्षण मामूली हैं, इन्हें आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि ये कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं। कुछ समय में ठीक न हो या इलाज के बाद भी कोई सुधार न हो तो स्थिति चिंताजनक हो सकती है। ऐसे में चिकित्सक या दंत चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।कैंसर एक भयानक रोग : कैंसर एक भयानक रोग है लेकिन इससे जो डर जुड़ा है उसके पीछे सच्चाई से ज्यादा गलतफहमियां हैं। एक अध्ययन के अनुसार भारत में कैंसर को नियंत्रित करने के लिए जागरुकता की कमी मुख्य रुप से जिम्मेदार है। कैंसर के करीब 70 प्रतिशत मामलों में मरीज की अनुचित जीवनशैली और सामाजिक व्यवहार मुख्य रुप से जिम्मेदार होता है। सिर और गर्दन के कैंसर से अधिकतर पुरुष प्रभावित है।शोधकर्ताओं ने पाया कि पुरुषों को होने वाले कैंसर का शुरुआती अवस्था में पता लग जाए तो इन्हें फैलने से रोका जा सकता है। लक्षणों का अस्पष्ट होना, स्क्रीनिंग टेस्ट के प्रति भय या अन्य समस्याओं में उलझे होने के कारण कई लोग कैंसर के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं करवाते। लाखों लोग कैंसर से पीड़ित हैं या पहले कभी रह चुके हैं। कैंसर के खतरे को जीवनशैली में परिवर्तन करके कम किया जा सकता है। तंबाकू-सिगरेट से दूरी, उचित शारीरिक श्रम और बेहतर आहार लेने से कैंसर की आशंका को कम किया जा सकता है। यह परिवर्तन करना मुश्किल हो सकता है लेकिन स्वस्थ जीवन के लिए इतना तो किया जा सकता।