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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 3 सितम्बर 2024 (23:13 IST)

Haryana assembly polls 2024 : हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और AAP के बीच कहां फंस रहा है पेंच

Haryana assembly polls 2024 : हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और AAP के बीच कहां फंस रहा है पेंच - AAP demands 10 seats in alliance talks with Congress in Haryana assembly polls 2024
Haryana assembly polls 2024  : हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन बनाने के प्रयासों ने गति पकड़ ली है और दोनों पार्टियां पहले से ही सीट बंटवारे को लेकर बातचीत कर रही हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
 
कहां फंस रहा है पेंच : सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी विधानसभा की कुल 90 में से 10 सीटों की मांग कर रही है, जबकि कांग्रेस केवल सात सीटें देने को तैयार है। आप के सूत्रों ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल के बीच पहले ही दो दौर की बातचीत हो चुकी है और एक-दो दिन में उनकी फिर से मुलाकात होने की संभावना है।
 
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि आम आदमी पार्टी 10 सीटों की मांग कर रही है। हालांकि, कांग्रेस कुल 90 सीटों में से केवल सात देने को तैयार है। आप ने 10 लोकसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक से एक सीट का दावा किया है।
इससे पहले, आप के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने उन खबरों का स्वागत किया, जिनमें दावा किया गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना में रुचि दिखाई है। सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराना सभी विपक्षी दलों की प्राथमिकता है।
 
उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के संबंध में कोई भी निर्णय आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मंजूरी से लिया जाएगा, जो वर्तमान में आबकारी नीति से संबंधित मामलों में जेल में हैं। ऐसी कई खबरें आई हैं, जिनमें दावा किया गया कि सोमवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में गांधी ने हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए आप के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में रुचि व्यक्त की।
 
हरियाणा में पांच अक्टूबर को मतदान होगा और आठ अक्टूबर को मतगणना होगी। सिंह ने कहा कि भाजपा और उसकी नफरत की राजनीति तथा लोगों, किसानों और युवाओं के खिलाफ राजनीति को हराना हम सभी की प्राथमिकता है।’’
 
हालांकि, सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई भी आधिकारिक रुख आप के हरियाणा मामलों के प्रभारी संदीप पाठक और प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता द्वारा तय किया जाएगा। आप के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय केजरीवाल की मंजूरी के बाद हरियाणा में संगठनात्मक और चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े हमारे नेताओं द्वारा लिया जाएगा।
 
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल के रिहा होने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं से राय मांगी है और केवल वे ही इसका जवाब दे सकते हैं। हमें मीडिया से इस बारे में पता चला है। जहां तक ​​गठबंधन की बात है, तो अरविंद केजरीवाल के रिहा होने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा।’’
हालांकि, हरियाणा में कांग्रेस नेताओं ने राज्य में आप के साथ किसी भी गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया है। हाल में, हरियाणा में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा ने विधानसभा चुनावों के लिए आप के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य में मजबूत है और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
 
इससे पहले, विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) में भागीदार कांग्रेस और आप ने दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में लोकसभा चुनावों के लिए समझौता किया था। हरियाणा में आप के प्रदेश अध्यक्ष गुप्ता राज्य में लोकसभा चुनावों में पार्टी के एकमात्र उम्मीदवार थे। गुप्ता भाजपा के नवीन जिंदल से हार गए।
गुप्ता ने हाल में कहा था कि आप जनता की मदद से हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीट पर अपने बलबूते चुनाव लड़ने को तैयार है। पंजाब में कांग्रेस और आप ने अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ा था। भाषा 
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