• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. हरिद्वार कुंभ मेला 2021
  3. हरिद्वार कुंभ मेला न्यूज़
  4. Crowd of devotees thronged the ghats of Haridwar on Magh Purnima
Written By निष्ठा पांडे
Last Updated : शनिवार, 27 फ़रवरी 2021 (15:09 IST)

Haridwar Magh Purnima Mela: माघ पूर्णिमा पर हरिद्वार के घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Haridwar Magh Purnima Mela: माघ पूर्णिमा पर हरिद्वार के घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - Crowd of devotees thronged the ghats of Haridwar on Magh Purnima
हरिद्वार। शनिवार को माघ पूर्णिमा पर सुबह हल्की बारिश के बावजूद हरिद्वार, ऋषिकेश सहित अन्य गंगा घाटों में सुबह 4 बजे से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। हरिद्वार के हर की पैड़ी में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चना कर दान करके पुण्य लाभ अर्जित किया। साथ ही हरिद्वार के मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। नक्षत्रों और तिथियों के मुताबिक इन दिनों कुंभ काल चल रहा है। माघ पूर्णिमा स्नान के लिए शुक्रवार को ही श्रद्धालुओं का हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया था।
आईजी कुंभ का दावा है कि शुक्रवार की देर रात तक 3 लाख के करीब श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच चुके थे। शनिवार को भी लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। कोरोना काल के बाद हुए स्थानों में माघ पूर्णिमा के स्नान में अब तक सर्वाधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है। गंगा के प्रमुख घाटों के साथ मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद किए गए हैं। हर की पैड़ी समेत सभी प्रमुख घाटों पर खुफिया एजेंसियां भी पूरा दिन अलर्ट हैं।
 
कुंभ मेला क्षेत्र में कुंभ पुलिस ने 12 से ज्यादा छोटी-बड़ी पार्किंग बनाई हैं। शुक्रवार शाम तक छोटी पार्किंग भर गई थी। इसके बाद वाहनों को बड़ी पार्किंग में भेजा गया। पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं। इसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है।
माघ महीने की पूर्णिमा को 'माघी पूर्णिमा' के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों और मुख्य रूप से गंगा नदी में स्नान करते हैं। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। स्नान करने और पात्र व्यक्त्यिों को दान करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा को नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से करते हैं, उनकी ही कृपा से मोक्ष मिलता है।
 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सभी कलाओं के साथ आसमान में निकलता है। उस दिन पूर्ण चंद्रमा दिखाई देता है। माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व है। हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न होते हैं और उन्हें सुख-सौभाग्य और धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं।
निरंजनी अखाड़े ने धर्मध्वजा स्थापित की : निरंजनी अखाड़े ने शनिवार को माघ पूर्णिमा के दिन से कुंभ मेले का आगाज कर दिया है। अब से कुंभ मेले की सभी गतिविधियां यही से संचालित होंगी। माघ पूर्णिमा के दिन शनिवार को संन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में बड़ी धूमधाम और पूरे विधि-विधान के साथ धर्मध्वजा की स्थापना की गई। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि महाराज, कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल समेत बड़ी संख्या में अखाड़े के साधु-संत शामिल हुए।
 
ये धर्मध्वजा 52 फीट की ऊंचाई पर लगाई गई है। इसका कारण साफ करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि महाराज ने बताया कि निरंजनी अखाड़े की बावन मणियां होती हैं इसलिए 52 हाथ ऊंची धर्मध्वजा लगाई गई है। इसी धर्मध्वजा के नीचे नागा संतों को दीक्षा और अन्य सभी विधि-विधान कराए जाएंगे। दीक्षा लेने के बाद नागा संन्यासी देश-दुनिया में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं। (भाषा)
ये भी पढ़ें
ब्रजमंडल में होली की धूम, जानिए बरसाने की होली की 5 खास बातें