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बोल अनमोल
* एक सीमा के बाद सहनशीलता गुण नहीं रह जाता है। (एडमंड बुरके) * एक मूर्ख व्यक्ति अपनी प्रशंसा के लिए एक अधिक मूर्ख की खोज करता है। (रावर्ट वुर्टन) * घुटनों के बल झुककर जीवित रहने की अपेक्षा अपने पैरों पर खड़े-खड़े मरना अच्छा है। (डॉलर्स इबारीदी)* मितव्ययिता भी आमदनी का एक सशक्त माध्यम है। (पं. श्रीराम शर्मा 'आचार्य')* मूर्ख व मृत कभी भी अपनी राय नहीं बदलते। (जे.आर.लावेल)* विपत्ति व्यक्ति को स्वयं से परिचित कराती है। ( एनॉन)* आलस्य से बढ़कर अधिक घातक और समीपवर्ती शत्रु दूसरा नहीं। (अज्ञात) * युवकों की शिक्षा पर ही राज्यों का भाग्य आधारित है। (अरस्तु) * सदाचार और निर्मल जीवन सच्ची शिक्षा का आधार है। (महात्मा गाँधी)* मानव का सच्चा जीवनसाथी विद्या है। इसी कारण वह विद्वान कहलाता है। (महर्षि दयानंद)