मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. नन्ही दुनिया
  4. »
  5. क्या तुम जानते हो?
  6. जनरल नॉलेज : दामोदर नदी के बारे में
Written By ND

जनरल नॉलेज : दामोदर नदी के बारे में

Facts About Damodar River | जनरल नॉलेज : दामोदर नदी के बारे में
ND
दामोदर नदी पश्चिम बंगाल और झारखंड में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। यह नदी छोटा नागपुर की पहाड़ियों से 610 मीटर की ऊंचाई से निकलती है, जो लगभग 290 किमी का सफर झारखंड में तय करती है। उसके बाद पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर 240 किमी का सफर तय करके हुगली नदी में मिल जाती है

झारखंड में इसे देवनद के नाम से भी जाना जाता है। दामोदर नदी अपनी बाढ़ों के लिए कुख्यात थी। इसीलिए इस नदी को बंगाल का शोक कहा जाता था।

दामोदर नदी पलामू जिले से निकलकर हजारीबाग, गिरीडीह, धनबाद होते हुए बंगाल में प्रवेश करती है, जहां रानीगंज, आसनसोल के औद्योगिक क्षेत्र से होती हुई बांकुड़ा जिले की सीमा रेखा बन जाती है। हजारीबाग से वर्द्धमान जिले तक इस नदी की धारा काफी तेज होती है, क्योंकि यहां पठारी भाग से नीचे की ओर बहती है।

वर्द्धमान के बाद हुगली जिले में दामोदर नदी समतल मैदानी भाग में पहुंचती है जहां इसकी धारा मंद पड़ जाती है। यहां पर यह डेल्टा बनाने लग जाती है। और हावड़ा के निकट से होती हुई हुगली के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। दामोदर की सहायक नदियों में कोनार, बोकारो और बराकर प्रमुख हैं। ये नदियां गिरीडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले में है।

दामोदर घाटी को हमेशा बाढ़ की विध्वंसता का सामना करना पड़ता था, जिसका सबसे विध्वंसकारी प्रमुख प्रलय 1730 में रिकॉर्ड किया गया। अमेरिका की टेनिसी घाटी परियोजना की तर्ज पर यहां दामोदर घाटी परियोजना की संरचना भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में की गई थी।

इससे बाढ़ों का आना रुका तथा नई-नई सिंचाई परियोजनाएं तथा पनबिजली उत्पादन केन्द्र भी स्थापित हुए। 7 जुलाई 1948 को अस्तित्व में आई इस परियोजना के उद्देश्य थे- बाढ़ नियंत्रण व सिंचाई, विद्युत का उत्पादन, पारेषण और वितरण, पर्यावरण संरक्षण,औद्योगिक और घरेलू उपयोग हेतु जलापूर्ति।