धूम्रपान न करने वालों में भी बढ़ रहे फेफड़ों के कैंसर के मामले, वायु प्रदूषण प्रमुख कारण: अध्ययन
विश्व स्वास्थ्य संगठन की अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (आईएआरसी) सहित अन्य संगठनों के शोधकर्ताओं ने चार उपप्रकारों- एडेनोकार्सिनोमा (ग्रंथि कैंसर), स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (त्वचा कैंसर), छोटे और बड़े सेल कार्सिनोमा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर फेफड़ों के कैंसर के मामलों का अनुमान लगाने के मकसद से ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी 2022 डेटासेट सहित अन्य डेटा का विश्लेषण किया।
शोधकर्ताओं ने लिखा, विश्व भर के कई देशों में धूम्रपान का प्रचलन कम होता जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी कभी धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों में फेफड़े के कैंसर का अनुपात बढ़ रहा है।
आईएआरसी में कैंसर निगरानी शाखा के प्रमुख फ्रेडी ब्रे ने कहा, धूम्रपान की आदतों में बदलाव और वायु प्रदूषण के संपर्क में आना फेफड़े के कैंसर के जोखिम में के मुख्य निर्धारकों में से हैं।' फेफड़ों का कैंसर आज कैंसर से संबंधित मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। (भाषा)