top 10 literacy states in india hindi: शिक्षा किसी भी राष्ट्र की प्रगति का मूल स्तंभ होती है। भारत जैसे विविधता से भरे देश में, साक्षरता दर केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि सामाजिक विकास, आर्थिक सुधार और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। 2025 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की औसत साक्षरता दर 80.9% है, जो कि स्वतंत्रता के समय मात्र 14% थी। हालांकि, यह प्रगति समान रूप से सभी राज्यों में नहीं देखी गई है। कुछ राज्य शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी हैं, तो कुछ अभी भी पीछे हैं। आइए, 2025 के आंकड़ों के आधार पर, भारत के शीर्ष 10 सबसे अधिक और सबसे कम साक्षर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें -
शीर्ष 10 सबसे ज्यादा साक्षर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (2025)
1. मिजोरम (98.2%): मिजोरम ने 2025 में "पूर्ण साक्षरता" का दर्जा प्राप्त किया है, जो कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित 95% की सीमा को पार कर गया है।
2. लक्षद्वीप (97.3%): इस केंद्र शासित प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार करते हुए उच्च साक्षरता दर हासिल की है।
3. नागालैंड (95.7%): पूर्वोत्तर भारत का यह राज्य शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है।
4. केरल (95.3%): केरल लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, और इसकी साक्षरता दर इसे शीर्ष राज्यों में बनाए रखती है।
5. मेघालय (94.2%): यह राज्य शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार कर रहा है।
6. त्रिपुरा (93.7%): त्रिपुरा ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
7. चंडीगढ़ (93.7%): यह केंद्र शासित प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है।
8. गोवा (93.6%): गोवा की साक्षरता दर इसे शीर्ष राज्यों में शामिल करती है।
9. पुडुचेरी (92.7%): पुडुचेरी ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
10. मणिपुर (92%): मणिपुर ने शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार करते हुए उच्च साक्षरता दर हासिल की है।
इन राज्यों की सफलता का श्रेय उनकी सरकारों की शिक्षा नीतियों, सामाजिक जागरूकता अभियानों और बुनियादी ढांचे के विकास को जाता है।
शीर्ष 10 सबसे कम साक्षर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (2025)
1. आंध्र प्रदेश (72.6%): यह राज्य साक्षरता दर में सबसे नीचे है, हालांकि सरकार शिक्षा सुधार के लिए प्रयासरत है।
2. बिहार (74.3%): बिहार ने पिछले वर्षों में सुधार किया है, लेकिन अभी भी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
3. मध्य प्रदेश (75.2%): यह राज्य शिक्षा के क्षेत्र में और सुधार की आवश्यकता महसूस करता है।
4. राजस्थान (75.8%): राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में असमानता और संसाधनों की कमी प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
5. झारखंड (76.7%): झारखंड में जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच एक बड़ी चुनौती है।
6. तेलंगाना (76.9%): नवगठित राज्य होने के कारण, तेलंगाना शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में काम कर रहा है।
7. उत्तर प्रदेश (78.2%): देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के कारण, शिक्षा की पहुंच एक बड़ी चुनौती है।
8. छत्तीसगढ़ (78.5%): यह राज्य शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रहा है।
9. लद्दाख (81%): भौगोलिक परिस्थितियों के कारण, शिक्षा की पहुंच में कठिनाइयां हैं।
10. जम्मू और कश्मीर (82%): यह क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में प्रयासरत है।
इन राज्यों में साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए सरकारों को शिक्षा के बुनियादी ढांचे, शिक्षक प्रशिक्षण, और सामाजिक जागरूकता अभियानों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति की कुंजी है। इसलिए, सभी राज्यों को मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में कार्य करना चाहिए, ताकि भारत एक साक्षर और समृद्ध राष्ट्र बन सके।