शुक्रवार, 10 जनवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. गुदगुदी
  3. दद्दू का दरबार
  4. Daddu ka Darbar

दद्दू का दरबार : डालपक नेता

दद्दू का दरबार : डालपक नेता - Daddu ka Darbar
प्रश्न : दद्दूजी आए दिन नेताओं के ऊलूल-जलूल, शर्मनाक और विवादास्पद बयान आते रहते हैं और टीवी व सोश्यल मीडिया पर बयानबाजी में देशवासियों का नाहक समय खराब होता है। वहीं दूसरी और इन नेताओं के विकास के सारे वादे झूठे तथा खोखले साबित होते हैं चाहे फिर सत्ता में किसी भी दल या गठबन्धन की सरकार हो। आखिर नेताओं का स्तर इतना गिरा हुआ क्यों है? अच्छे व ईमानदार नेताओं का इतना टोटा क्यों है? 


 
उत्तर : देखिए हम लोग बाजार से फल खरीदते हैं और काटकर खाने के बाद उन्हें फीके व बेस्वाद पाते हैं। हममें से लगभग सभी को ज्ञात है कि वे न केवल फीके व बेस्वाद हैं बल्कि अन्दर से जहरीले भी हो सकते हैं क्योंकि ज्यादा लाभ के चक्कर में उन्हें कार्बाइड अन्य जहरीले रसायनों की मदद से पकाया जाता है। फल मीठे व रसीले तभी हो सकते हैं जब वे डालपक हो तथा प्रकृति के नैसर्गिक वातावरण में पले बड़े हों। समझ लीजिए कि आज के नेताओं पर भी यही बात लागू होती है।

आज के नेताओं के दिमाग का अध्ययन किया जाए तो पता चलेगा कि वे कार्बाइड जैसी जहरीली वैचारिक खुराक पाकर ही विकसित हुए हैं। आज डालपक नेताओं की बेहद कमी है जो ईमानदारी से जनसेवा करते हुए अपने राजनीतिक करियर को परवान चढ़ने दें। अब फल हो या नेता वे डालपक हैं या नहीं इसकी जांच कर सही का चुनाव करना व गलत को नकारना जनता के हाथ में ही है।   
 
ये भी पढ़ें
सलमान और कैटरीना क्यों जा रहे हैं ऑस्ट्रिया?