दोस्त वही जो वक्त पर काम आए
स्कूली जीवन में तीन दोस्त थे। 10-15 वर्षों तक घनिष्ठता के साथ रहे। उसके बाद एक दोस्त किराये का मकान खाली कर फ्लैट में रहने चला गया। वहां उसे कुछ नए धनाढ्य दोस्तों का साथ मिला। अब वह हम दोनों के बजाय नए दोस्तों को ज्यादा तवज्जो देने लगा।उनके साथ घूमना-फिरना, क्लबों में जाना आदि भी उसने शुरू कर दिया। अपने पुराने दोस्तों से भी साथ चलने को कहता था लेकिन उन्हें नए दोस्तों का साथ रास नहीं आया।जब उसकी शादी हुई तो उसे 3-4 दिनों में अनेक बार कुछ न कुछ ऐसा काम पड़ा जिसे करने में नए दोस्त तो हिचकते रहे लेकिन पुराने दोस्त झट कर आते। इस दौरान उसने दिल से महसूस किया कि जीवन में रॉयल नहीं लॉयल फ्रेंड्स का होना बहुत जरूरी है। इस दौरान उसे जीवन में सच्चे दोस्तों की अहमियत पता लगी थी। उसने धीरे-धीरे नए मित्रों से किनारा कर लिया। (वेबदुनिया डेस्क)