दोस्ती का सबसे गोल्डन टाइम स्कूल और कॉलेज के दिन होते हैं, इसीलिए हमने बात की कुछ स्कूल और कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स से, और उनसे जाना कि क्या है उनकी नजर में फ्रेंडशिप-डे, और वे इसे कैसे मनाते हैं -
मुंबई में 12वीं क्लास की स्टूडेंट जूही ने बताया कि फ्रेंडशिप डे उनके और उनके पूरे ग्रुप के लिए बहुत स्पेशल है, और हर साल उनका ग्रुप इस दिन आउटिंग पर जाता है, साथ ही वे नए दोस्तों को अपने ग्रुप वेलकम भी करते हैं।
बतौर जूही, वैसे तो हर संडे युवाओं के लिए फन डे होताहै,लेकिन अगस्त का यह पहला संडे कुछ खास होता है.जब हम फ्रेंडशिप डे
सेलिब्रेट करते हैं।दोस्तों को फ्रेंडशिप डे विश करते हैं, फ्रेंडशिप बैंड बांधते हैं,और खास तौर पर टी-शर्ट्स पर दोस्तों से विशेस और संदेश लिखवाते हैं। यह सब बहुत ही रोमांचक होता है।
इंदौर के महाराजा रंजीत सिंह कॉलेज में बीकॉम कर रहीं तान्या अंबा कहती हैं, कि भले ही फ्रेंडशिप-डे साल में एक बार आता हो, लेकिन हमारे ग्रुप में यह हर दिन फ्रेंडशिप-डे ही होता है, जब हम सभी दोस्त मिलकर कॉलेज कैंटीन में पार्टी करते हैं, और ढेर सारी मस्ती भी।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की जर्नलिज्म के स्टूडेंट्स सुप्रिया गुप्ते, गुंजन, प्राजक्ता, जितेन्द्र, विजेश, गरिमा और अल्ताफ के अनुसार- दोस्ती का रिश्ता सबसे ऊपर होता है, क्योंकि यह रिश्ता हमें विरासत में नहीं मिलता बल्कि आपसी अंडरस्टैंडिंग से डेवलप होता है, और ताउम्र एक जैसा बना रहता है। समय के साथ साथ यह रिश्ता और प्रगाढ़ होता है, लेकिन कभी लॉस में नहीं जाता। हम सभी दोस्तों के लिए यह रिश्ता बेहद खास है, अौर हम साथ मिलकर इसे मनाते हैं।
केवल कॉलेज और स्कूल ही नहीं बल्कि ऑफिस में साथ काम करने वाले कुछ लोगों से भी हमने बात की, और जानी उनकी राय फ्रेंडशिप डे के बारे में -
एक विज्ञापन ऐजेंसी में बतौर पीआर काम करने वाली मंजरी खरे का मानना है, कि दोस्ती दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज है, अगर सच्चे दिल से निभाई जाए...मैं हर फ्रेंडशिप डे पर अपने खास दोस्तों के लिए समय निकालती हूं, और उनके साथ एंजॉय करती हूं। जो दोस्त शहर से बाहर हैं, उनसे फोन पर बात करके भी बहुत अच्छा महसूस होता है,छुट्टी वाले दिन तो कई बार घंटों तक उनसे बातें होती है, लेकिन बातें खत्म नहीं होती। अब तक जितने भी दोस्त बने हैं, सभी बहुत अच्छे हैं। वैसे भी फ्रेंडलिस्ट में अच्छे लोग ही होने चाहिए, क्वालिटी की बजाए क्वांटिटी पर ध्यान देना ज्यादा अच्छा होता है।
स्नेहा का कहना है कि इस बार फ्रेंडशिप-डे को हम बिग सेल्फी डे की तरह मना रहे हैं।क्योंकि जब सारे दोस्त अपनी- अपनी लाईफ में बिजी हो जातें हैं, तब यही सेल्फीज
हमें हमारी दोस्ती की याद दिलाती है। दोस्तों के साथ बिताए मस्ती भरे पलाें की यादें इसमें हमेशा के लिए कैद रहती हैं। परिवार के साथ चाहे जितना भी एंजॉए कर लें, लेकिन दोस्तों के साथ आउटिंग और एंजॉए करने की बात ही कुछ और होती है। दोस्तों के बगैर तो लाईफ इमेजिन करना ही मुश्किल है। क्योंकि दोस्तों का साथ दुनिया की सारी परेशानियां भुला देता है...याद रहता है, तो सिर्फ और सिर्फ मस्ती और एंजॉए करना। है।दुनिया की बेस्ट थिंग है, दोस्ती...दुख में भी हंसाती है दोस्ती,... खुशकिस्मत हैं हम कि दोस्त मिले हमें, जिंदगी जीना सिखाती है दोस्ती ....
एक निजी चैनल में काम करने वाले राहुल का कहना है, कि हमारा ग्रुप हर साल फ्रेंडशिप-डे पर मांडव जाता है,
और पूरा दिनएंजॉय करता है। लेकिन इस बार हमने एक बड़ी पार्टी प्लान की है। दोस्ती का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है।दिल से निभाया जाए, तो दुनिया का सबसे बेहतरीन रिश्ता साबित होता है । वैसे आजकल अच्छे दोस्त कम ही मिलते हैं,अगर मिल जाएं तो आप खुशकिस्मत हैं। लेकिन कॉलेज के दोस्त सदाबहार होते हैं,उनसे मिलकर सारा तनावभाग जाता है। इसीलिए हम सारे कॉलेज फ्रेंड्स जब भी मौका मिलता है, गेट टुगेदर कर लेते हैं।
होशंगाबाद से इंदौर आकर पीएससी की तैयारी कर रहीं चंद्रमणि मालवीय कहती हैं - मैं बहुत लकी हूं कि मुझे यहां बहुत सारे अच्छे दोस्त मिले, लेकिन स्कूल के दोस्तों की बात कुछ और ही होती है। मैं अपना फ्रेंडशिप डे हर साल अपने स्कूल के दोस्तों के साथ मनाती हूं, अगर सबका मिलना पॉसिबल नहीं होता तो हम लोग कांफ्रेंस से बातें या चैट कर लेते हैं।
शिरीश और उनके दोस्तों का कहना है, कि वैसे तो हमारे लिए रोज ही फ्रेंडशिप डे है । सभी दोस्त जब मिलते हैं तो अच्छा लगता है। लेकिन फ्रेंडशिप डे पर कुछ तो सरप्राइजिंग करते ही हैं। आखिर दोस्तों के लिए यह कोई उत्सव जैसा ही है, तो इसे भी अच्छे से मनाते हैं।
खुशी, गम, मस्ती, रोमांच, लड़ाई -झगड़ा और फिर वही शरारत भरा अंदाज .... दूर होकर भी नहीं भुलाई जाती वो हर बात पर टांग खींचने की यादें, वो एक-दूसरे की टॉप सीक्रेट बातें और कैंटीन में बिताए लम्हे...साथ में पिकनिक और मूवी का प्लान और बर्थडे की कंबल कुटाई.... और वो सारी अनकही बातें, जो बिछड़ने पर एक दूसरे की स्लैमबुक में जगह पाती हैं... कुछ-कुछ हंसती, तो कुछ-कुछ रूलाती है।
बरसों बरस यूं ही बीतते जाएं भी, तो दोस्ती का खुशनुमा एहसास कम नहीं होगा
नम होंगी आंखें भले बिछड़ने पर ए दोस्त तुझसे, साथ बिताए मस्ती भरे लम्हों का रोमांच कम नहीं होगा
तू लौट आना जब भी मन भर आए मेरी याद में
फिर बैठेंगे उसी कैंटीन में, घूमेंगे उन्हीं गलियों में
खाएंगे एक दूसरे की थाली का निवाला
फिर से दोहराएंगे वही कहानियां पुरानी, जो जिंदगी थी कभी
मेरा दावा है, कि उनका प्यार भरा एहसास कम नहीं होगा ...