FIFA WC 2018: लुजिनीकी स्टेडियम की खास बातें....
फीफा विश्व कप 2018 के आयोजन को लेकर रूस में इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। 14 जून से होने वाले इस महाकुंभ के लिए मैदानों को सजाने और संवारने का भी काम लगभग पूरा हो चुका है। 1 माह तक चलने वाले इस आयोजन के लिए दर्शक भी उत्साहित नजर आ रहे हैं। रूस इस प्रतियोगिता की मेजबानी प्रथम बार कर रहा है और उसका यह प्रयास रहेगा कि वह इस प्रतियोगिता को सफल बनाए।
स्टेडियम से पहले जानें इस शहर में क्या है खास?
मॉस्को : रूस की राजधानी एवं यूरोप का सबसे बड़ा शहर है। मॉस्को का शहरी क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े शहरी क्षेत्रों में गिना जाता है। मॉस्को रूस की राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक, वित्तीय एवं शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। यह मोस्कवा नदी के तट पर बसा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह पुराने सोवियत संघ एवं प्राचीन रूसी साम्राज्य की राजधानी भी रही है। मॉस्को को दुनिया के अरबपतियों का शहर भी कहा जाता है, जहां दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपति बसते हैं। 2007 में मॉस्को को लगातार दूसरी बार दुनिया का सबसे महंगा शहर भी घोषित किया गया था।
लुजिनीकी स्टेडियम : इस स्टेडियम को सन् 1956 में बनाया गया था। यह स्टेडियम रूस की राजधानी मॉस्को में मौजूद है। ऐसा कहा जाता है कि एक समय था, जब रूस में खेलों को लेकर लोग ज्यादा संजीदा नहीं थे। सन् 1952 में आयोजित ओलंपिक खेलों में सोवियत संघ ने हिस्सा लेकर अपना बेहतर प्रदर्शन किया और इस बेहतर प्रदर्शन से ही यहां पर खेलों को बढ़ावा मिलना शुरू हुआ। इस ओलंपिक में सोवियत संघ ने 22 गोल्ड के साथ मेडल लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल किया और अपने देश के लिए कुल 71 मेडल्स अर्जित किए थे।
उल्लेखनीय है कि इसी सफलता के चलते सोवियत संघ ने अपने देश में लुजिनीकी स्टेडियम का निर्माण कराना शुरू किया था। लुजिनीकी स्टेडियम का निर्माण कार्य 1954 में शुरू हुआ था जिसे 450 दिनों में पूरा कर लिया गया था। 31 जुलाई 1956 को इस स्टेडियम को खेल के लिए खोल दिया गया था।
2018 में होने वाले फीफा विश्व कप के लिए चुने गए स्टेडियमों में यह सबसे बड़ा है। इस स्टेडियम में कुल 80 हजार से अधिक लोग बैठकर इस विश्व कप का लुत्फ उठा सकते हैं। गौरतलब है कि इसमें फीफा वर्ल्ड कप के ओपनिंग और फाइनल मैच समेत पहले राउंड के 3 मैच भी खेले जाएंगे।