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Last Modified: मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021 (00:56 IST)

कृषि मंत्री ने अपने बयान से किसानों का अपमान किया है : संयुक्त किसान मोर्चा

कृषि मंत्री ने अपने बयान से किसानों का अपमान किया है : संयुक्त किसान मोर्चा - United Farmers Front said, Agriculture Minister has insulted farmers with his statement
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को आरोप लगाया कि केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने यह कहकर किसानों का अपमान किया है कि केवल भीड़ इकट्ठी करने से 3 कृषि कानून वापस नहीं हो जाएंगे। मोर्चा ने एक बयान जारी करके कहा कि वर्तमान के प्रदर्शन गहरी अप्रसन्नता और गुस्से का नतीजा हैं, जिसे किसानों के दिमाग में सरकार ने ही पनपने दिया है।

तोमर ने रविवार को दोहराया था कि केन्द्र नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा कि केवल भीड़ इकट्ठी कर लेने से कानून वापस नहीं हो जाते। मोर्चा ने एक बयान में कहा, आज किसान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हर ओर से समर्थन मिल रहा है। प्रदर्शनकारी महज भीड़ नहीं हैं,वे हमारे अन्नदाता हैं, सरकार में शामिल लोगों सहित उन सभी का शुक्रिया जिनकी वजह से हम जिंदा हैं।

बयान में आगे कहा गया, सत्ता में बैठे दल ने इसी भीड़ से वोट लिए और हमारे किसानों के प्रति इस प्रकार का अपमानजनक रवैया निंदनीय है। इसमें यह भी कहा गया, तोमर ने यह कहकर किसान आंदोलन का अपमान किया है कि भीड़ इकट्ठी करने से कानून वापस नहीं होंगे।

टूलकिट मामले में पुलिस ने निकिता शांतनु से की पूछताछ : दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को टूलकिट मामले में पूछताछ के लिए एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। वहीं दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने इस मामले के दो संदिग्धों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक से पूछताछ की।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने रवि को पूछताछ के लिए हिरासत में भेज दिया, जब​​कि सत्र अदालत के मंगलवार को जलवायु कार्यकर्ता की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुनाने की संभावना है। रवि को तीन दिन की न्यायिक रिमांड की समाप्ति पर अदालत में पेश किया गया था।

उन्होंने अपने वकील के माध्यम से जांचकर्ताओं की अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि जिन लोगों के साथ उनका आमना-सामना कराया जाना है, वे जमानत पर हैं। हालांकि अभियोजन पक्ष ने कहा कि जैकब और मुलुक की जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी हो सकती है।

पुलिस ने रवि को पूछताछ के लिए पांच दिन के लिए हिरासत में देने की मांग की क्योंकि पूछताछ के दौरान उन्होंने सारा दोष जैकब और मुलुक पर मढ़ दिया। उन दोनों को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि वे इस समय ट्रांजिट जमानत पर हैं।

अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा, उनका रवि के साथ आमना-सामना कराने की आवश्यकता है। अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा, यह सीमापारीय प्रभाव वाला मामला है जिसमें उन लोगों की भागीदारी है, जिन्होंने इस देश के प्रति अपने वैमनस्य को जाहिर किया है। जांच एजेंसी ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर वे भविष्य में जैकब और मुलुक को भी गिरफ्तार कर सकते हैं।

अभियोजन पक्ष ने कानून के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बाद सिर्फ 15 दिन तक हिरासत में पूछताछ की जा सकती है। उसने कहा, तीनों आरोपियों की संलिप्तता थी। हमें तीनों का आमना-सामना कराना होगा।

हिरासत में पूछताछ के लिए हमारे पास केवल सात दिन का समय है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वकील निकिता जैकब और मुलुक से दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के द्वारका स्थित कार्यालय में सोमवार को पूछताछ की गई।

दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए सोशल मीडिया पर जारी ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज’ की जांच के सिलसिले में 13 फरवरी को बेंगलुरु से दिशा रवि को गिरफ्तार किया था, जबकि बंबई उच्च न्यायालय ने जैकब और मुलुक को ट्रांजिट जमानत दे दी थी। इस टूलकिट को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने साझा किया था।

पुलिस ने आरोप लगाया था कि टूलकिट कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में भारत में अशांति पैदा करने और हिंसा फैलाने की वैश्विक साजिश का हिस्सा था। अधिकारी ने कहा कि जैकब और मुलुक को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया गया था। हालांकि पुलिस ने दोनों से कितने समय तक और क्या पूछताछ की गई इस बारे में कुछ भी नहीं बताया।(भाषा)
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