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Last Modified: रविवार, 17 अक्टूबर 2021 (16:55 IST)

रेल रोको आंदोलन से पहले किस बात ने बढ़ाई किसान नेताओं की चिंता?

Farmers Movement
नई दिल्ली। 18 अक्टूबर को किसान संगठनों ने रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। रेल रोको आंदोलन से पहले सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खाली पड़े टेंट ने किसान नेताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
 
किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को रेल रोको आंदोलन का आह्वान कर रखा है। लेकिन, सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना ने न सिर्फ किसान संगठनों को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है, बल्कि लोगों की घटती संख्‍या से उनके हौसले पर भी असर पड़ता दिख रहा है। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों दो टूल कहा है कि इस तरह से सड़कों को जाम करके बैठना किसी का अधिकार नहीं है और जब उसने इन कानूनों पर रोक लगा रखी है तो फिर इस तरह के प्रदर्शन का औचित्य ही क्या है?  संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि सुबह 10 से शाम 4 बजे तक रेल-पटरियों पर धरना प्रदर्शन कर ट्रेन रोकी जाएंगी।

उप्र में अलर्ट जारी : किसान आंदोलन की आड़ में अराजकतत्वों के सक्रिय होने की आशंका ने पुलिस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। उत्तरप्रदेश एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि इसे लेकर अलर्ट किया गया है। 
 
अधिकारियों को किसान संगठनों के पदाधिकारियों को आंदोलन में अराजकतत्वों के गड़बड़ी करने की आशंका से जुड़े तथ्यों की जानकारी देने तथा शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनके लगातार संपर्क में रहने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं भी गड़बड़ी करने वाले तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।