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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 19 जनवरी 2021 (17:46 IST)

एक्सप्लेनर: कृषि कानून पर सरकार के प्रोपेगैंडा का किस तरह सामना कर रहा किसान आंदोलन का आईटी सेल

आंदोलन को लेकर सरकार के कड़े रूख के बाद आईटी सेल की बढ़ी जिम्मेदारी

एक्सप्लेनर: कृषि कानून पर सरकार के प्रोपेगैंडा का किस तरह सामना कर रहा किसान आंदोलन का आईटी सेल - How is the IT cell of the farmers movement facing the government
नए कृषि कानून पर सरकार और किसान संगठनों के बीच अब आर-पार की लड़ाई चल रही है। किसान और सरकार के बीच लगातार हो रही बातचीत के बाद भी बीच का रास्ता नहीं निकल पा रहा है। कृषि कानूनों को लेकर सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की ओर से सोशल मीडिया पर भी लगातार अक्रामक कैंपेन चलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कृषि कानूनों के पक्ष में एक खास तरह की चलाई जा रही मुहिम का जवाब देने के लिए किसान संगठनों ने अपना खुद का एक आईटी सेल बना लिया है।
 
नए कृषि कानून के खिलाफ दो महीने से दिल्ली का घेरा डालकर आंदोलन कर रहे किसान संगठन पूरी तरह हाईटेक हो गए है। किसान संगठनों ने आंदोलन के प्रचार-प्रसार और सही जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए बकायदा अपना एक आईटी सेल सिस्टम विकसित कर लिया है। किसान आंदोलन की आईटी सेल को संभालने का काम युवाओं की टीम कर रही है। किसान आंदोन में यह आईटी सेल एक तरह से वॉर रूम के रूप में काम कर रहा है। 
 
आईटी सेल में अहम भूमिका निभाने वाली जान्हवी ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहती है कि आईटी सेल किसान आंदोलन की सही और प्रामणिक जानकारी देने के साथ-साथ आंदोलन को लेकर फैलाई जा रही गलत और भ्रामक खबरों का भी जवाब देने की कोशिश करता है। बातचीत में जान्हवी कहती हैं कि हमारी कोशिश रहती है किसान आंदोलन की जो भी अपडेट जानकारी रहती है उसको हम सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाए। किसान आंदोलन से जुड़ी सभी खबरें दो से तीन बार क्रॉस चेक करने के बाद वाट्सग्रुप और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म से आगे बढ़ाई जाती है। 
 
जान्ह्वी कहती है कि किसान आंदोलन के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो कंटेट को बढ़ाया जा रहा है। किसान आंदोलन को आईटी सेल जो 10 से 12 लोग की कोर टीम संचालित कर रही है वह हर दिन सोशल मीडिया के जरिए अपने कंटेट को चालीस से पचास हजार लोगों तक पहुंचा रही है। खास बात यह हैं कि इस आईटी सेल का जिम्मा संभालने वाले कॉलेज स्टूडेंट और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार करने वाले लोग है न कि पेशेवर एक्सपर्ट।

वह महत्वपूर्ण बात कहती हैं कि किसान आंदोलन को लेकर बहुत सी भ्रामक और गलत खबरें भी प्रसारित की जाती है जिसको हमारी टीम एक तरह से फैक्ट चैक कर लोगों तक पहुंचाती है। बातचीत में वह कहती हैं कि हम एक ऐसे सिस्टम से लड़ रहे है जिनके पास रिर्सोस का भंडार है और हम किसी भी तरह उनसे कंपेयर नहीं कर सकते है। हमारी युवा टीम की जो स्प्रिरिट है वहीं हमारी ताकत है और उसी ताकत के सहारे हम उससे लड़ेंगे।

आईटी सेल किसान आंदोलन से जुड़ी सूचनाओं को लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचा रहा है।  आंदोलन की हर अपडेट पहुंचाने का किसान एकता मोर्चा का और यूथ फॉर स्वराज नाम के सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए किया जा रहा है। सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर किसान एकता मोर्चा के नाम से बनाए गए पेज और अकाउंट की आज बड़ी संख्या में फॉलोअर है। पूरे किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे  किसान एकता मोर्चे के फेसबुक फॉलोअर्स की संख्या आज 2.50 लाख और ट्विटर फॉलोअर्स 1.43 लाख के पार पहुंच गई हैं। आज कृषि कानूनों की सच्चाई लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा है
 
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