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Last Modified: शनिवार, 3 अप्रैल 2021 (22:49 IST)

मानव तस्करी पर अपने पत्र को किसान आंदोलन से जोड़ने की गृह मंत्रालय ने की आलोचना

मानव तस्करी पर अपने पत्र को किसान आंदोलन से जोड़ने की गृह मंत्रालय ने की आलोचना - Home Ministry statement on human trafficking case
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब से बचाए गए 58 बंधुआ मजदूरों की दुर्दशा पर पंजाब सरकार को लिखे गए अपने पत्र को किसान आंदोलन से जोड़ने की मीडिया में आई खबरों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और गुमराह करने वाला करार दिया। साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नियमित संवाद का गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।

मंत्रालय ने कहा कि मीडिया के एक धड़े में गलत तरीके से खबर दी गई कि मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर राज्य के किसानों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ये खबरें गुमराह करने वाली हैं और पंजाब के चार संवेदनशील सीमावर्ती जिलों से पिछले दो वर्षों में उभरी एक सामाजिक आर्थिक समस्या पर सामान्य टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश करने वाली और अत्यधिक संपादकीय विचारों से युक्त है।

इस समस्या के बारे में संबंधित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ने गृह मंत्रालय का ध्यान आकृष्ट किया है।गृह मंत्रालय ने कहा, पहले तो किसी राज्य या राज्यों को कानून-व्यवस्था पर भेजे जाने वाले नियमित पत्र को लेकर कोई मंशा जाहिर नहीं की जानी चाहिए।

मंत्रालय ने कहा कि पत्र को केंद्रीय श्रम एवं नियोजन मंत्रालय के सचिव को भी भेजा गया है और आग्रह किया गया है कि सभी राज्यों को वे जागरूक करें कि कमजोर लोग गलत तत्वों का शिकार नहीं बन पाएं। बयान में कहा गया है, दूसरी बात है कि कुछ खबरों में पत्र को पूरी तरह दूसरे संदर्भ में बताया गया है कि गृह मंत्रालय ने पंजाब के किसानों के खिलाफ ‘गंभीर आरोप’ तय किए हैं और इसे किसान आंदोलन से भी जोड़ा गया है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि पत्र में स्पष्ट रूप से केवल यह कहा गया है कि मानव तस्करी के गिरोह इस तरह के मजदूरों को लाते हैं और उनका शोषण किया जाता है, कम मजदूरी दी जाती है और उनसे अमानवीय व्यवहार किया जाता है। इसके अलावा उनसे ज्यादा श्रम कराने के लिए उन्हें मादक पदार्थ दिए जाते हैं जिससे उनके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को पंजाब सरकार को पत्र लिखकर बताया कि बिहार और उत्तर प्रदेश के मानसिक रूप से परेशान 58 लोगों को राज्य के सीमावर्ती जिलों में बंधुआ मजदूर के तौर पर काम करते पाया गया और उससे इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के लिए कहा गया।

गृह मंत्रालय के अनुसार बीएसएफ ने सूचित किया है कि इन मजदूरों को पंजाब के सीमावर्ती जिले गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर और अबोहर जिले में 2019 और 2020 में पकड़ा गया। कृषि कानूनों को लेकर भाजपा नीत राजग से अलग होने वाले विपक्षी शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को केंद्र के पत्र पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि यह राज्य के किसानों को बदनाम करने का प्रयास है।(भाषा)
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