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Last Updated : सोमवार, 19 जून 2023 (14:07 IST)

Manipur violence: क्या मणिपुर हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं? पीएम मोदी की चुप्‍पी पर उठे सवाल

आरएसएस, ओकराम इबोबी से लेकर मां मार्केट की महिलाओं तक ने उठाए सवाल, मणिपुर पर क्‍यों नहीं ‘मन की बात’?

PM Modi
Manipur violence: मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय में आरक्षण को लेकर हिंसा शुरु हुई थी। अब भी वहां हिंसा जारी है। सोमवार को हिंसा का 48वां दिन है। रविवार को भी वेस्‍ट इंफाल में फायरिंग हुई, जिसमें सेना का एक जवान घायल हो गया। हिंसा की वजह से रोजगार,व्‍यापार और लोकल बाजार सबकुछ ठप्‍प हो गए हैं। लेकिन अब मणिपुर की हिंसा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

मणिपुर हिंसा पर RSS का एंगल
सोमवार को राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) ने भी हिंसा को तत्‍काल रोके जाने की अपील की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले  ने मणिपुर में जारी हिंसा की निंदा की। उन्‍होंने स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सुरक्षा बलों तथा केंद्रीय एजेंसियों सहित सरकार से तत्काल शांति बहाल करने के लिए हरसंभव कदम उठाने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में ‘शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई’ की जाना चाहिए।
Manipur violence
क्‍या कहा ओकराम इबोबी सिंह ने?
पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्‍होंने लगातार हो रही हिंसा को लेकर सवाल दागा कि क्या मणिपुर हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं है जो अब तक पीएम मोदी ने इस संबंध में कोई वक्तव्य नहीं दिया। बता दें कि कांग्रेस नेता इबोबी सिंह 10 दलों के उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जो 12 जून से मोदी से मिलने का समय लेने के लिए दिल्ली में इंतज़ार कर रहा है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल
पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा पर पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्‍होंने कहा था कि वो पीएम मोदी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा, मणिपुर के दस विपक्षी दल प्रधानमंत्री से अपॉइंटमेंट का इंतजार कर रहे हैं। इन दस पार्टियों, कांग्रेस, जद (यू), भाकपा, माकपा, तृणमूल कांग्रेस, आप, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, शिवसेना (यूबीटी), राकांपा और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है।

मन की बात लेकिन मणिपुर पर मौन क्‍यों?
इंफाल का एमा कैथल जिसे ‘मां मार्केट’ के नाम से जाना जाता है। यह बाजार करीब 500 साल पुराना है। ये दुनिया का एक मात्र ऐसा मार्केट है, जिसे सिर्फ महिलाएं संचालित करती हैं। इस बाजार में करीब 5 हजार महिलाएं अपनी दुकानें चलाती हैं और अलग अलग सामान बेचती हैं। रविवार को इन महिलाओं ने भी मणिपुर हिंसा को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और प्रदर्शन किया। मणिपुर में रविवार के लोगों ने PM मोदी के मन की बात कार्यक्रम का भी विरोध किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा- मन की बात के बजाय, हम मणिपुर के मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, हम 'मणिपुर की बात' चाहते हैं।

पिछले एक महीने से ज्‍यादा वक्‍त से चल रही मणिपुर की हिंसा पर पीएम मोदी के मन में आखिर क्‍या है और वे इस घटना पर क्‍यों मौन हैं, यह सवाल उठाए जा रहे हैं।
Ima Kaithal Market
एमा कैथल मार्केट : दुनिया का सबसे बड़ा बाजार
इंफाल का एमा कैथल यानी मां मार्केट 500 साल पुराना है। ये दुनिया का एक मात्र ऐसा मार्केट है जिसे सिर्फ महिलाएं संचालित करती हैं। यहां करीब 5 हजार महिला दुकानदार हैं। जो तमाम तरह का सामान बेचती है। मणिपुर समेत यहां विदेशी पर्यटक भी शॉपिंग करते हैं। इमा कैथल एशिया का सबसे बड़ा बाज़ार है, जो अपनी अनमोल सांस्कृतिक धरोहर और विस्मयकारी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। राजधानी इंफाल में स्थित इमा कैथल की शुरुआत 16वीं सदी में हुई थी, जिसके पीछे संघर्ष, शौर्य तथा सशक्तिकरण की एक पूरी कहानी है। यह बाजार बहुत पापुलर है और दुनियाभर के प्रमुख बाजारों में गिना जाता है।
Ima Kaithal Market
इमा कैथल का मतलब : मणिपुरी में इमा का मतलब होता है मां और कैथल का मतलब होता है बाजार सो इसका पूरा मतलब मां का बाजार है। इस बाजार में महिलाएं अक्सर अपने पारंपरिक परिधानों में ही होती है। ये पारंपरिक फेनेक (लुंगी जैसा वस्त्र) और इनेफिस (शॉल) पहने हुए होती हैं। इस बाजार में केवल शादीशुदा महिलाओं को ही दुकान चलाने की मंजूरी है। 
Written and Edited by navin rangiyal